अमेरिका में भारतीय मूल के जाने-माने राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ ऐशले टेलिस को गोपनीय दस्तावेज रखने और चीन से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। FBI (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) ने शनिवार को वर्जीनिया के वियना स्थित उनके घर पर छापा मारा, जहां से 1000 से अधिक टॉप सीक्रेट दस्तावेज मिले। इनमें से कई पर Top Secret और Secret की मुहर लगी थी।
गोपनीय फाइलें घर में छिपाकर रखी थीं
एफबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, टेलिस ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेजों को गैरकानूनी तरीके से अपने पास रखा। ये कागजात उनके बेसमेंट ऑफिस के कैबिनेट, डेस्क और बैगों में छिपाकर रखे गए थे। जांच में पता चला कि उन्होंने बीते कुछ सालों में कई बार चीनी अधिकारियों से मुलाकात भी की थी।
कैमरे में कैद हुई थी संदिग्ध गतिविधि
25 सितंबर को टेलिस को अमेरिकी विदेश विभाग के कंप्यूटर सिस्टम से सैकड़ों क्लासिफाइड दस्तावेज प्रिंट करते हुए कैमरे में रिकॉर्ड किया गया। उन्होंने 'US Air Force Tactics' नाम की 1,288 पन्नों की फाइल को “Econ Reform” नाम से सेव किया और कुछ पेज निकालने के बाद फाइल को डिलीट कर दिया। 10 अक्टूबर को एक और कैमरे में उन्हें सरकारी दफ्तर से दस्तावेज अपने बैग में छिपाकर ले जाते हुए देखा गया।
चीनी अधिकारियों से गुप्त मुलाकातें
एफबीआई की जांच में सामने आया कि सितंबर 2022 से सितंबर 2025 के बीच टेलिस ने वर्जीनिया के रेस्टोरेंट्स में कई बार चीनी अधिकारियों से गुप्त मीटिंग्स कीं। इन बैठकों में ईरान-चीन संबंध, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अमेरिका-पाकिस्तान नीतियों पर चर्चा हुई। एक मुलाकात में उन्हें चीनी अधिकारियों से लाल रंग का गिफ्ट बैग भी मिला था।
मुंबई से पढ़ाई कर चुके हैं ऐशले टेलिस
64 वर्षीय ऐशले टेलिस का जन्म मुंबई में हुआ था। उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज और मुंबई विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और बाद में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से राजनीति विज्ञान में पीएचडी की। वे अमेरिका-भारत नागरिक परमाणु समझौते (Civil Nuclear Deal) के प्रमुख वार्ताकारों में से एक रहे हैं। टेलिस पहले राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के विशेष सहायक और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (NSC) में रणनीतिक योजना और दक्षिण एशिया मामलों के निदेशक रह चुके हैं।
गिरफ्तारी से पहले जाने की थी तैयारी
11 अक्टूबर की शाम टेलिस अपने परिवार के साथ रोम की यात्रा पर निकलने वाले थे, लेकिन उड़ान से पहले ही एफबीआई ने उनके घर पर छापा मारकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 13 अक्टूबर को उन्हें वर्जीनिया डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया गया। अब उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के उल्लंघन, गोपनीय दस्तावेज चोरी, और विदेशी संपर्कों की रिपोर्टिंग में विफलता जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमा चल रहा है।