Shivani Gupta
15 Oct 2025
Shivani Gupta
14 Oct 2025
Shivani Gupta
14 Oct 2025
Shivani Gupta
14 Oct 2025
राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार (14 अक्टूबर) को दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर आर्मी स्टेशन के पास चलती बस में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते बस पूरी तरह जलकर राख हो गई और 20 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। आग इतनी भयानक थी कि लोग बस के अंदर से चीखते-चिल्लाते रहे, लेकिन कोई भी उन्हें बचा नहीं सका।
जांच में सामने आया है कि हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट था। यह बस के.के. ट्रैवल्स की थी और इसे सिर्फ पांच दिन पहले ही जोधपुर-जैसलमेर रूट पर लगाया गया था। यह बस पहले साधारण बस थी, जिसे बाद में एसी स्लीपर बस में बदल दिया गया था। बस पूरी तरह यात्रियों से भरी हुई थी, यहां तक कि गैलरी में भी लोग बैठे थे।
आग बस के पीछे वाले हिस्से में लगी और फाइबर बॉडी, पर्दे और कांच की खिड़कियों की वजह से लपटें तेजी से फैल गईं। वायरिंग जलने से बस का दरवाजा लॉक हो गया, जिससे यात्री अंदर फंस गए। बस में सिर्फ एक ही आगे का गेट था और खिड़कियों के कांच बहुत मजबूत थे, इसलिए लोग बाहर नहीं निकल पाए। संकरी गैलरी और बंद दरवाजे ने यात्रियों के बचने का रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया।
बस में आग लगते ही पास के शराब ठेकेदार कस्तूर सिंह मौके पर पहुंचे, लेकिन लपटें इतनी तेज थीं कि पास नहीं जा सके। उन्होंने पास में ही आर्मी एरिया के अंदर खड़ा पानी का टैंकर देखा और गेट तोड़कर टैंकर बाहर निकालकर आग बुझाने की कोशिश की। घटनास्थल जैसलमेर शहर से केवल 9 किलोमीटर दूर था, फिर भी फायर ब्रिगेड की टीम को पहुंचने में 45 मिनट लग गए। इस बीच सेना के जवानों ने जेसीबी से बस का गेट तोड़ा और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
इस हादसे ने पूरे जैसलमेर और आसपास के इलाकों को शोक और सदमे में डाल दिया है। जिसने भी इस भयावह दृश्य को देखा, वो स्तब्ध रह गया। लोगों का कहना है कि अगर फायर ब्रिगेड और रेस्क्यू टीमें समय पर पहुंच जातीं, तो शायद कुछ जानें बचाई जा सकती थीं।