Shivani Gupta
13 Oct 2025
Aakash Waghmare
13 Oct 2025
टेक्सास। दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप (Starship) का 11वां और आखिरी टेस्ट मिशन सफल रहा। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने इस ऐतिहासिक उड़ान को मंगलवार, 14 अक्टूबर की सुबह 5 बजे (भारतीय समयानुसार) टेक्सास के बोका चिका स्थित स्टारबेस सेंटर से लॉन्च किया। यह उड़ान करीब 1 घंटे 6 मिनट तक चली और इस दौरान रॉकेट ने अपने सभी निर्धारित उद्देश्यों को पूरा किया।
इस मिशन के तहत रॉकेट के दो प्रमुख हिस्से- सुपर हैवी बूस्टर (निचला भाग) और स्टारशिप (ऊपरी भाग) को सफलतापूर्वक पृथ्वी पर वापस लाया गया। सुपर हैवी बूस्टर ने उड़ान के लगभग 10 मिनट बाद मेक्सिको की खाड़ी में वॉटर लैंडिंग की, जबकि स्टारशिप ने अंतरिक्ष में अपने सभी एक्सपेरिमेंट पूरे करने के बाद हिंद महासागर में नियंत्रित तरीके से स्प्लैशडाउन किया।
कंपनी के मुताबिक, इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य था यह जानना कि भविष्य में इन रॉकेट्स को उड़ान वाली जगह पर ही कैसे सुरक्षित लौटाया जा सकता है।
इस उड़ान के दौरान स्टारशिप ने अंतरिक्ष में पहुंचकर 8 डमी स्टारलिंक सैटेलाइट्स छोड़ीं। ये असली सैटेलाइट नहीं थीं, बल्कि रॉकेट की सैटेलाइट डिप्लॉयमेंट क्षमता जांचने के लिए प्रयोग किए गए सिम्युलेटर थे।
रॉकेट ने अंतरिक्ष में एक रैप्टर इंजन को दोबारा चालू करने का सफल परीक्षण भी किया। यह परीक्षण चांद और मंगल मिशन की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि ग्रहों के बीच यात्रा के दौरान इंजन का दोबारा चालू होना अत्यंत जरूरी होता है।
इस टेस्ट के जरिए इंजीनियरों ने अगली पीढ़ी के स्टारशिप बूस्टर के लिए अहम डेटा इकट्ठा किया। रॉकेट के कुछ हिस्सों पर जानबूझकर टाइल्स हटाकर यह देखा गया कि वायुमंडलीय घर्षण और गर्मी का असर कितना होता है।
इसके अलावा लैंडिंग के दौरान एक खास इंजन कॉन्फिगरेशन का भी परीक्षण किया गया- तीन सेंटर इंजनों में से एक को जानबूझकर बंद किया गया ताकि यह देखा जा सके कि बाकी इंजन लैंडिंग को पूरा कर पाते हैं या नहीं। यह प्रयोग पूरी तरह सफल रहा।
स्टारशिप प्रोग्राम की यह सफलता कई असफल प्रयासों के बाद आई है।
कई बार की विफलताओं के बावजूद स्पेसएक्स ने अपनी तकनीक को बेहतर बनाया और अब लगातार दो सफल मिशन हासिल किए हैं, जो इस प्रोजेक्ट के लिए बड़ा टर्निंग पॉइंट है।
एलन मस्क अब स्टारशिप वर्जन-3 की लॉन्चिंग की तैयारी में हैं, जो पहले से भी ज्यादा शक्तिशाली और ऊंचा होगा।
स्पेसएक्स का यह रॉकेट केवल प्राइवेट स्पेस मिशनों के लिए नहीं, बल्कि NASA के आर्टेमिस प्रोग्राम का अहम हिस्सा भी है। इस प्रोग्राम के तहत 2027 तक इंसानों को दोबारा चांद पर भेजने की योजना है। स्टारशिप रॉकेट चांद और मंगल की सतह पर इंसानों और कार्गो को ले जाने में सक्षम होगा। इस मिशन की सफलता को मानव अंतरिक्ष अन्वेषण के नए युग की शुरुआत माना जा रहा है।
टेस्ट की सफलता के बाद एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया- स्टारशिप अब अपने सबसे स्थिर फेज में है। यह टेस्ट मानवता को बहुग्रही सभ्यता बनाने की दिशा में एक और कदम है।