Shivani Gupta
7 Nov 2025
Mithilesh Yadav
7 Nov 2025
Naresh Bhagoria
7 Nov 2025
संतोष चौधरी
भोपाल। राजधानी में श्यामला हिल्स की सबसे खूबसूरत लोकेशन पर बने लेक व्यू रेसिडेंसी (पुराना नाम होटल अशोका लेक व्यू) का 31 मार्च 2026 से संचालन बंद करने का निर्णय मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम ले चुका है। इधर, अभी तक इसे निवेशकों को 60 साल के लिए डीबीएफओटी (डिजायन, बिल्ड, फाइनेंस, आॅपरेशन, ट्रांसफर) मोड पर दिए जाने का निर्णय नहीं को सका है। दरअसल, इसकी राह में ‘राजस्व के जंगल’ ने पेंच लगा दिया है। इसी तरह की अन्य कानूनी और व्यवहारिक दिक्कतों की वजह से इसके टेंडर (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल- आरएफपी) की शर्ताे में दर्जनभर से ज्यादा संशोधन किए गए हैं। इसे जमा करने की अंतिम तारीख भी छठवीं बार बढ़ाकर 18 अक्टूबर की गई है। हालांकि निगम प्रबंधन का दावा है कि सभी तरह की दिक्कतें अब दूर कर ली गई हैं।
लेक व्यू अशोका होटल का संचालन भारतीय पर्यटन विकास निगम करता था। लंबे समय से घाटे में चलने के कारण इसे मप्र पर्यटन विकास निगम ने अपने आधिपत्य में ले लिया। साथ ही इसका नाम बदलकर लेक व्यू रेसिडेंसी कर दिया गया था। होटल की आर्थिक स्थिति में थोड़ा सुधार तो हुआ, लेकिन निगम के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा था। इसलिए सरकार ने तीसरी बार निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद निगम ने ने इसी साल मार्च में इसके लिए आरएफपी जारी की थी।
होटल परिसर में एक छोटा खसरा छोटे झाड़ों का एक जंगल भी है, जो भारतीय वन अधिनियम के तहत यह राजस्व का जंगल है। इसके बावजूद निवेशकों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के चलते भविष्य में उनकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। बाद में निगम के विशेषज्ञों ने परीक्षण कराया था। इसमें यह बात सामने आई थी कि सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में संशोधन कर दिया है। इसके बावजूद निगम ने सावधानी बरतते हुए यह शर्त जोड़ दी कि फॉरेस्ट एक्ट के तहत यदि इसमें कोई दिक्कत आती है तो यह निवेशक को भुगतना होगा। यह भी शर्त जोड़ी गई है कि निवेशक इस जमीन को गिरवी या बेच नहीं सकता है। ऐसे में उसे बैंक से लोन लेने में दिक्कत आएगी। इसे लेकर निगम ने नया विकल्प जोड़ा है, क्योंकि यह पूरी प्रॉपर्टी राज्य पर्यटन विकास निगम की है, इसलिए वह बड़ा स्टेक होल्डर भी है।
-शहर के सबसे खूबसूरत स्थान पर स्थित इस होटल की न्यूनतम दर 150 करोड़ रुपए तय की है।
-इसे डीबीएफओटी मोड पर 60 वर्षों के लिए निवेशकों को दिया जाएगा। बाद में 10 साल अवधि बढ़ाई जा सकती है।
-इसमें करीबन 42 कमरे, भोपाल एक्सप्रेस रेस्टोरेंट, किनारा रेस्टोरेंट, रूफटॉप रेस्टोरेंट, बैंकेट हॉल, ड्राइव एन थिएटर, स्पा, जिम और स्वीमिंग पूल हैं।
-इसके लिए ओबेरॉय, रामाडा सहित एक दर्जन समूह अपनी रुचि दिखा चुके हैं।
इसकी टेंडर की तारीख बढ़ाने का कारण कई तरह की व्यवाहरिक और कानूनी दिक्कतें थी। इसका निराकरण करने में समय लग गया है। हम नहीं चाहते हैं कि होटल को डेवलेप करने वाली एजेंसी को किसी परेशानी का सामना करना पड़े। इससे हमें भी हर साल बड़ा रेवेन्यू मिलेगा, जो हर साल प्रॉफिट के आधार पर बढ़ता जाएगा। टेंडर जमा करने की तारीख अब आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।
-डॉ. इलैयाराजा टी, एमडी, मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम