Manisha Dhanwani
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Priyanshi Soni
25 Oct 2025
Aakash Waghmare
25 Oct 2025
कुआलालंपुर में आयोजित एशिया-प्रशांत क्षेत्र की बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आगामी बैठक से पहले अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव में नरमी देखी गई। चीन की ओर से संकेत दिया गया कि दोनों देशों ने प्रारंभिक समझौता किया है। यह वार्ता चीन द्वारा उच्च तकनीक उत्पादों के लिए आवश्यक कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने और ट्रम्प द्वारा 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी देने के बाद हुई।
इस सम्मेलन में ट्रंप की उपस्थिति में थाईलैंड और कंबोडिया ने सीमा पर युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए। थाईलैंड ने कंबोडियाई कैदियों को रिहा करने का वादा किया, जबकि कंबोडिया ने भारी हथियार वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की। ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया और दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने इसे स्थायी शांति की नींव बताया।
ट्रंप ने कंबोडिया, थाईलैंड और मलेशिया के साथ महत्वपूर्ण खनिजों और अन्य क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने के लिए समझौते किए। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीयर ने कहा कि यह कदम सप्लाई चेन को सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
ट्रंप ने सम्मेलन में एशियाई देशों को भरोसा दिलाया कि अमेरिका उनके साथ स्थायी सहयोगी और मित्र रहेगा। उन्होंने खुद को वैश्विक मध्यस्थ के रूप में प्रस्तुत किया, विशेष रूप से थाईलैंड और कंबोडिया के विवाद में।
ट्रंप ने ब्राजील ल के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा से मुलाकात कर कहा कि ब्राजील ल पर लगाए गए टैरिफ को कम किया जा सकता है। वहीं, कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से उन्होंने दूरी बनाई क्योंकि कनाडा ने अमेरिकी व्यापार नीतियों के विरोध में टीवी विज्ञापन चलाया था।
ट्रंप ने कहा कि उनके पास चीन के साथ व्यापक समझौते का अच्छा मौका है। अमेरिका का लक्ष्य फेंटेनिल तस्करी और सोयाबीन की बिक्री जैसे मुद्दों में समाधान निकालना है। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बिसेंट ने भी कहा कि दोनों देश टैरिफ और निर्यात प्रतिबंधों को बढ़ाने के बजाय समझौते की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
कुआलालंपुर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनुपस्थित रहे। हालांकि, पहले ट्रंप और मोदी के बीच घनिष्ठ संबंध थे, हाल ही में दोनों के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं।