Priyanshi Soni
5 Nov 2025
वॉशिंगटन डीसी। ईरान और इजराइल के बीच चल रहे तनाव के बीच अब अमेरिका भी खुलकर युद्ध में शामिल हो गया है। भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4:30 बजे अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर जोरदार हवाई हमले किए। अमेरिका के मुताबिक ये हमले ईरान की परमाणु क्षमता को खत्म करने के उद्देश्य से किए गए। इस कार्रवाई के तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश को संबोधित किया और इसे ‘सैन्य सफलता’ बताया। वहीं संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इस घटनाक्रम पर गहरी चिंता जताई है।
अमेरिकी कार्रवाई के बाद संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इस घटनाक्रम पर गहरी चिंता जताई है। यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बयान जारी कर कहा –“अमेरिका की ओर से ईरान पर की गई सैन्य कार्रवाई बेहद खतरनाक और उकसावे वाली है। यह उस क्षेत्र में तनाव को और भड़काने वाली है जो पहले से ही विस्फोटक स्थिति में है।”
गुटेरेस ने आगाह किया कि, इस संघर्ष के हाथ से निकलने का खतरा लगातार बढ़ रहा है और इसके गंभीर अंतरराष्ट्रीय परिणाम हो सकते हैं।
गुटेरेस ने दुनिया भर के देशों से अपील की है कि वे संयम बरतें और अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अपनी जिम्मेदारियां निभाएं। उन्होंने दो टूक कहा – “इस बेहद संवेदनशील समय में अराजकता से बचना जरूरी है। सैन्य समाधान इस संकट का जवाब नहीं हो सकता। कूटनीति ही आगे का रास्ता है। शांति ही एकमात्र आशा है।”

अपने राष्ट्र संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा – “ईरान की संवर्धन सुविधाएं पूरी तरह से नष्ट कर दी गई हैं। अब या तो शांति आएगी या फिर विनाश। यदि ईरान ने अब भी शांति का रास्ता नहीं चुना, तो भविष्य में और भी बड़े हमले होंगे।” उन्होंने आगे कहा कि इन हमलों का मकसद दुनिया को ईरान के परमाणु खतरे से बचाना था।
इजराइल ने अमेरिका की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। जबकि संयुक्त राष्ट्र ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। लेकिन जमीन पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इजराइल ने बताया कि ईरान की तरफ से मिसाइलों और ड्रोन से जवाबी हमले हो रहे हैं। वहीं अमेरिकी हमलों के बाद खाड़ी देशों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।