Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
कोलकाता। चुनाव आयोग ने देश के 12 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी। इसी कड़ी में आज से सभी 12 राज्यों में मतदाता सूचियों की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। जहां पश्चिम बंगाल में मंगलवार को CM ममता बनर्जी ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के खिलाफ राजधानी कोलकाता में सड़कों में उतरी है। 3.8 km लंबी रैली का नेतृत्व उनके साथ पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने किया इस दौरान बड़ी संख्या में पार्टी वर्कर्स मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- SIR को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे 2026 विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में चुपचाप धांधली की जा सके।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता के मार्च पर करारा जवाब दिया है और इसे जमात की रैली बताया। उन्होंने कहा- यह भारतीय संविधान की नैतिकता के खिलाफ है। वहीं, बंगाल भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा- ममता जी को अगर कुछ कहना है, तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए।
मंगलवार से देश के 12 राज्यों में SIR की प्रोसेस शुरू की गई। बता दें इस प्रक्रिया के दौरान आयोग का फोकस नागरिकता की जांच पर है। सूत्रों के अनुसार, असम में मतदाता सूची की गहन समीक्षा तो होगी, लेकिन नागरिकता की जांच नहीं होगी। राज्य में नागरिकता के उलझे हुए मुद्दे के बीच आयोग ये नया मॉडल तैयार कर रहा है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने SIR की घोषणा करते वक्त कहा था कि असम में नागरिकता को लेकर अलग प्रावधान हैं। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। ऐसे में, असम के लिए अलग आदेश जारी होगा।
रैली के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं सबसे पहले अपने सभी धार्मिक नेताओं का धन्यवाद करना चाहती हूं। उन्होंने हमारे साथ हर कदम पर साथ दिया है। बहुत सारे असंगठित फेरीवाले या प्रवासी मजदूर डरे हुए हैं। सिर्फ इसलिए कि वो बांग्ला बोलते हैं। आगे ममता बोलीं- क्या आप उन्हें देश से निकाल सकते हैं? जैसे हर उर्दू बोलने वाला पाकिस्तानी नहीं होता, वैसे ही सभी बांग्लाभाषी बांग्लादेशी नहीं होते।'