Shivani Gupta
20 Oct 2025
पुष्पेन्द्र सिंह
भोपाल। सीहोर जिले के ग्राम डोडी निवासी किसान उमेश जायसवाल अपने खेत में सोलर पंप लगाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम योजना बी) के बारे जानकारी नहीं है। भिंड के भानुप्रताप सिंह भदौरिया का कहना है कि आवेदन देने के बाद भी सोलर पंप का कनेक्शन नहीं मिला। किसानों को सोलर पंप के लिए योजना की जानकारी नहीं होने और बहुत से किसानों को पंप उपलब्ध नहीं होने से मप्र अपने टारगेट से काफी पीछे है। तीन साल में 32 लाख और इस वर्ष 10 लाख सोलर पंप उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। लेकिन अब तक 7 हजार पंप कनेक्शन ही किसानों को मिल सके हैं। महाराष्ट्र पहला ऐसा राज्य है जहां 4.23 लाख से अधिक सोलर पंप दिए जा चुके हैं। मप्र योजना के क्रियान्वयन में देश में आठवें स्थान पर है।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने 5 अगस्त को सोलर पंप टारगेट की समीक्षा की। अफसरों ने बताया कि प्रदेश में 28,369 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है। इसमें 9 हजार का वेरिफिकेशन हुआ है। वेरिफिकेशन में 4 हजार अपात्र पाए गए हैं और करीब पांच हजार पंप कनेक्शन के लिए पात्र मिले हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने बैठक में उन राज्यों के आंकड़े प्रस्तुत कर अफसरों को चौंका दिया, जहां मप्र से अधिक पंप उपलब्ध कराए जा चुके हैं। सरकार ने 447 करोड़ रुपए का प्रावधान भी सोलर पंप के लिए किया है।
-किसानों को 24 घंटे बिजली।
-सोलर पंप की खरीद पर 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है।
-किसानों को बिजली के बिलों से स्थायी राहत।
-100 रुपए में 100 यूनिट बिजली मुफ्त में देने से शासन को मुक्ति मिलेगी तथा हजारों करोड़ रुपए सब्सीडी के बचेंगे।
-सिंचाई के लिए बिजली पर निर्भरता कम होगी।
-पर्यावरण के अनुकूल खेती (हरित कृषि) को बढ़ावा मिलेगा।
पीएम-कुसुम पोर्टल के अनुसार सबसे अधिक सोलर पंप कनेक्शन महाराष्ट्र में लगाए गए हैं, जहां अब तक लगभग 4.23 लाख पंप स्थापित किए जा चुके हैं। इसके बाद दूसरे स्थान पर हरियाणा है, जहां 1.61 लाख पंप लगाए गए हैं। राजस्थान में करीब 1.06 लाख पंप, जबकि उत्तर प्रदेश में 0.66 लाख पंप लगाए गए हैं। मध्य प्रदेश में लगभग 0.70 लाख पंप स्थापित किए गए हैं। छोटे राज्यों में भी इस योजना का लाभ लिया जा रहा है, जैसे कि झारखंड में 0.36 लाख, पंजाब में 0.16 लाख और गुजरात में 0.12 लाख सोलर पंप लगाए गए हैं। महाराष्ट्र इस योजना में सबसे आगे है, जबकि हरियाणा और राजस्थान भी किसानों को सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई पंप उपलब्ध कराने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। यह पहल न केवल किसानों की सिंचाई लागत को कम करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और अक्षय ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा देती है।
पीएम कुसुम योजना बी के तहत किसानों को सोलर पंप कनेक्शन देने के लिए आवेदन मंगाए जा रहे हैं। इसके लिए पोर्टल खोला गया है। विभाग का प्रयास है कि टारगेट पूरा किया जा सके। सात हजार से अधिक पंप देने के लिए काम में तेजी लाई गई है।
मनु श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा