Priyanshi Soni
19 Oct 2025
उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को उज्जैन जिले की तराना तहसील में अतिवृष्टि से खराब हुई सोयाबीन फसलों के लिए किसानों को बड़ी राहत दी। उन्होंने 265 करोड़ रुपए की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की। यह कार्यक्रम तराना कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में किसान और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राहत राशि किसानों की मेहनत और उनके परिश्रम के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार किसानहित में पूरी संवेदनशीलता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा, जब बाढ़ आती है, फसलें खराब होती हैं, तब हमारी सरकार तुरंत राहत पहुंचाती है। किसान जब खेतों में पसीना बहाता है, तो उसका हक बनता है कि संकट की घड़ी में सरकार उसके साथ खड़ी रहे। यह हमारी प्रतिबद्धता है।
उन्होंने कहा कि फसल नुकसान का सर्वे बाढ़ का पानी उतरने के बाद ही किया गया, ताकि नुकसान का सही आकलन हो सके और किसानों को उचित मुआवजा मिल सके।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं को न किसानों की परेशानी समझ आती है, न फसलों की पहचान। उन्होंने कहा, कांग्रेस के नेता भोपाल में सोयाबीन को लेकर आंदोलन करने निकले थे, लेकिन अपने साथ गेहूं की बोरी ले गए। इन्हें सोयाबीन और गेहूं का फर्क तक नहीं मालूम। डॉ. यादव ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, वे कहते हैं आलू लगाओ तो सोना निकलेगा, लेकिन आज तक किसी के खेत में सोना नहीं निकला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली से ठीक पहले किसानों को करीब 400 करोड़ रुपए की राहत राशि जारी की गई है, जिसमें 263 करोड़ रुपए तराना तहसील के किसानों और 138 करोड़ रुपए आगर जिले के लिए जारी किए गए। इसके साथ ही 29 लाख लाड़ली बहनों के लिए उज्ज्वला गैस कनेक्शन हेतु 45 करोड़ रुपए भी स्वीकृत किए गए। उन्होंने कहा कि भाई दूज के बाद बहनों के खातों में ₹1500 की अगली किस्त भेजी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में बिजली व्यवस्था चरमराई हुई थी। कांग्रेस के वक्त बिजली के खंभे तो थे, लेकिन उनमें करंट नहीं था। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों से प्रदेश में बिजली का कोई संकट नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब प्रदेश सरकार किसानों को सोलर पंप के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि एक बार सोलर पंप लग जाने पर किसानों को बिजली की परेशानी नहीं होगी और वे अपनी जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा कर सरकार को बेच सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य किसानों की आय दोगुनी करना है। इसके लिए उन्हें खेती के साथ पशुपालन और प्राकृतिक खेती की दिशा में भी प्रेरित किया जा रहा है।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यदि कोई किसान 25 लाख रुपए की लागत से गाय खरीदता है, तो सरकार उसे अनुदान देगी। उन्होंने कहा कि गाय का दूध, गोबर और गोमूत्र- ये सब किसान की आय बढ़ाने में मददगार हैं। गोबर से प्राकृतिक खाद बनाने वाले किसानों को भी अनुदान प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में विभिन्न विकास परियोजनाओं की भी घोषणा की, जिनमें जिले के कई गांवों को करोड़ों रुपए की राहत दी गई।
क्षेत्र | राशि (रु.) |
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उज्जैन तहसील के 124 गांव | 30 करोड़ |
कोठी महल के 14 गांव | 79.60 लाख |
घटिया के 128 गांव | 28.50 करोड़ |
खाचरौद के 110 गांव | 36.36 करोड़ |
नागदा के 64 गांव | 23.61 करोड़ |
बड़नगर के 193 गांव | 35 करोड़ |
उन्हेल के 50 गांव | 12.62 करोड़ |
महिदपुर के 125 गांव | 25 करोड़ |
झारड़ा के 113 गांव | 25 करोड़ |
तराना के 124 गांव | 24.20 करोड़ |
माकड़ोन के 120 गांव | 20 करोड़ |
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने तराना-कनसिया क्षेत्र में 8,000 करोड़ रुपए की लागत से एक बड़े औद्योगिक कारखाने की स्वीकृति दी है। इससे क्षेत्र के 2,000 से 3,000 युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि अब तराना के लोग कांग्रेस से सवाल पूछें- “आपने इतने सालों में यहां क्या दिया?”
तराना के इस कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक सतीश मालवीय, अनिल जैन कालूखेड़ा, मधु गहलोत, अरुण भीमावत और तेज बहादुर सिंह चौहान सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।