Mithilesh Yadav
26 Nov 2025
Mithilesh Yadav
25 Nov 2025
Aakash Waghmare
25 Nov 2025
“संविधान सिर्फ वकीलों का दस्तावेज नहीं है; यह जीवन का आधार है, और इसकी भावना हमेशा समय के साथ बदलती रहती है।”
यह प्रसिद्ध कथन डॉ. बी.आर. अम्बेडकर का है, जिन्हें भारतीय संविधान के “मुख्य शिल्पकार” या “संविधान के जनक” के रूप में जाना जाता है। यह बात बताती है कि हमारा संविधान जीवंत है और देश की बदलती जरूरतों के अनुसार आगे बढ़ता रहता है। भारत सरकार ने 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया। यह फैसला सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत लिया गया था, ताकि लोगों में संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा दिया जा सके और अम्बेडकर की 125वीं जयंती को सम्मान दिया जा सके। इससे पहले इस दिन को Law Day के रूप में मनाया जाता था।
संविधान दिवस की जड़ें स्वतंत्र भारत के प्रारंभिक वर्षों से जुड़ी हैं। 1935 के भारत शासन अधिनियम के बाद यह स्पष्ट हुआ कि देश को अपनी कानूनी व्यवस्था की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य से दिसंबर 1946 में संविधान सभा का गठन हुआ, जिसकी अध्यक्षता डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने की। सभा में 389 सदस्य शामिल थे, जिनमें डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे प्रमुख नेता थे। सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई, जिससे संविधान निर्माण की ऐतिहासिक प्रक्रिया शुरू हुई।
डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में समिति ने शासन, अधिकार, संघीय ढांचा और न्यायिक शक्तियों का गहन अध्ययन कर संविधान का मसौदा तैयार किया। लगभग तीन वर्षों की बहस और संशोधनों के बाद 1948 में मसौदा संविधान सभा में प्रस्तुत किया गया। दो वर्षों और ग्यारह सत्रों की समीक्षा के बाद संविधान को 26 नवंबर 1949 को औपचारिक रूप से अपनाया गया।
26 नवंबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन संविधान सभा ने संविधान को औपचारिक रूप से अंगीकार किया। यद्यपि यह 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ, परंतु अंगीकार का दिन भारत की संप्रभु और लोकतांत्रिक पहचान की शुरुआत को दर्शाता है।
संविधान दिवस से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें हैं, जिन्हें जानना आपके लिए उपयोगी होगा। इसलिए यहाँ हम आपके लिए संविधान दिवस से जुड़े पिछले कुछ वर्षों के सरल और आवश्यक प्रश्न-उत्तर लेकर आए हैं।
1. 2023 में भारत के आपराधिक कानूनों में बड़ा बदलाव ?
2023 में सरकार ने पुराने IPC को हटाकर नई कानूनी व्यवस्था—Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023—लागू की। इसमें डिजिटल अपराध, झपटमारी जैसे नए अपराध जोड़े गए और कई धाराओं को सरल और आधुनिक बनाया गया।
2. भारत में डेटा सुरक्षा को लेकर 2023 में क्या नया कानून आया?
2023 में Digital Personal Data Protection Act लाया गया, जिसका मकसद नागरिकों के निजी डेटा को सुरक्षित करना और कंपनियों द्वारा बिना अनुमति डेटा उपयोग पर रोक लगाना है।
3. 2025 में समुद्री व्यापार से जुड़े कानूनों में क्या सुधार किए गए?
2025 में दो नए कानून—Merchant Shipping Act, 2025 और Carriage of Goods by Sea Act, 2025—पारित किए गए, जिनसे जहाज़ों की सुरक्षा, पर्यावरण नियम, और समुद्री मजदूरों के अधिकारों को मजबूत किया गया। ये पुराने कानूनों की सुधारित जगह लेते हैं।
4. भारत में किसी राज्य ने यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया है क्या?
हा, 2024 में उत्तराखंड ने Uniform Civil Code of Uttarakhand Act, 2024 लागू किया, जिसमें शादी, तलाक, उत्तराधिकार और लिव-इन रिश्तों के लिए सभी धर्मों पर समान नियम रखे गए।
5. 2025 में इनकम टैक्स कानून में क्या बड़ा बदलाव प्रस्तावित किया गया?
2025 में सरकार ने नया Income-tax Act, 2025 पारित किया, जो 1961 वाले पुराने टैक्स कानून को replace करेगा। इसका उद्देश्य टैक्स सिस्टम को सरल, आधुनिक और विवाद-मुक्त बनाना है, और इसे 2026 से लागू किया जाएगा।
6. नए आपराधिक कानूनों में डिजिटल अपराधों को कैसे शामिल किया गया?
Bharatiya Nyaya Sanhita में साइबर फ्रॉड, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड से छेड़छाड़, ऑनलाइन ठगी जैसे डिजिटल अपराधों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जिससे डिजिटल युग की चुनौतियों से निपटना आसान होगा।
7. डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 से आम नागरिक को क्या फायदा मिलेगा?
इस कानून से नागरिक अपने निजी डेटा पर पूरी तरह नियंत्रण रख सकेंगे। कंपनियों को अब हर डेटा उपयोग से पहले साफ-साफ अनुमति लेनी होगी, और उल्लंघन होने पर भारी पेनल्टी तय की गई है।
8. 2025 के नए समुद्री कानून पर्यावरण को कैसे सुरक्षित बनाते हैं?
नए कानूनों में जहाज़ों से होने वाले प्रदूषण, तेल रिसाव और समुद्री जीवों पर प्रभाव को रोकने के लिए आधुनिक अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स को अपनाया गया है, जिससे समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा बढ़ती है।
9. उत्तराखंड UCC में लिव-इन रिलेशनशिप पर क्या प्रावधान रखा गया है?
इस कानून के तहत लिव-इन रिश्तों को अनिवार्य रूप से पंजीकृत (registration) करना होगा। इससे सुरक्षा बढ़ती है और घरेलू हिंसा, संपत्ति विवाद आदि मामलों में कानूनी संरक्षण मिलता है।
10. नया इनकम टैक्स कानून 2025 टैक्सपेयर के लिए कैसे आसान होगा?
नया कानून कर-प्रणाली को सरल फॉर्मेट में लाता है, कई पुराने confusing प्रावधान हटाता है और प्रक्रियाओं को डिजिटल-फर्स्ट बनाता है, जिससे टैक्स फाइलिंग और विवाद समाधान तेज और आसान हो सकेगा।
संविधान दिवस हमें यह याद दिलाता है कि संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों की नींव है। यह दिन डॉ. बी.आर. अम्बेडकर और संविधान सभा के सदस्यों के योगदान का सम्मान करने का अवसर है। साथ ही यह लोकतंत्र, न्याय, स्वतंत्रता और समानता जैसे संवैधानिक मूल्यों को समझने और अपनाने के लिए नागरिकों में जागरूकता बढ़ाता है। संविधान दिवस न केवल अतीत को याद करने का दिन है, बल्कि यह लोकतांत्रिक राष्ट्र में नागरिकों की जिम्मेदारियों को समझने का भी संदेश देता है।