
Sikkim Army Camp Landslide। उत्तर-पूर्व भारत में लगातार हो रही बारिश ने भारी तबाही मचाई है। सिक्किम के उत्तरी इलाके में रविवार, 1 जून की शाम करीब 7 बजे एक आर्मी कैंप पर भूस्खलन हुआ। इस हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 9 जवान लापता बताए जा रहे हैं। मरने वालों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। लापता जवानों की तलाश के लिए बचाव कार्य लगातार जारी है।
आसपास के घरों को भी हुआ भारी नुकसान
भूस्खलन सिर्फ आर्मी कैंप तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि आसपास के कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है। पहाड़ों से अचानक गिरे मलबे ने इलाके में तबाही फैला दी है। प्रभावित क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है ताकि मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
1500 से ज्यादा पर्यटक फंसे
लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन की वजह से सिक्किम के लाचेन और लाचुंग जैसे पर्यटन स्थलों में करीब 1,500 पर्यटक फंस गए हैं। मंगन जिले के एसपी सोनम देचू भूटिया ने बताया कि लाचेन में 115 और लाचुंग में 1,350 पर्यटक मौजूद हैं। राहत की बात यह है कि लाचुंग के लिए सड़क संपर्क अब बहाल कर दिया गया है और पर्यटकों को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
BRO की मदद से सड़कों को बहाल किया गया
सीमा सड़क संगठन (BRO) की टीम ने भूस्खलन से जमा मलबे को हटाकर सड़क को फिर से चलने लायक बनाया है। उन्होंने फिडांग इलाके में टूटे पुल और सस्पेंशन ब्रिज के पास आई दरारों की मरम्मत भी की है। इसके बाद अब लाचुंग से चुंगथांग होते हुए शिपज्ञेरे और डिकचू तक सुरक्षित रास्ता तैयार कर लिया गया है।
बादल फटने से और बढ़ी मुसीबत
30 मई को उत्तरी सिक्किम में बादल फटने की घटना ने हालात और खराब कर दिए। इस दौरान 130 मिमी से ज्यादा बारिश हुई, जिससे लाचेन, लाचुंग, गुरुदोंग्मर और जीरो प्वाइंट जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों की ओर जाने वाली सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। कई जगहों पर पुल टूट गए, सड़कों में दरारें आ गईं और मलबे से रास्ते बंद हो गए।
प्रशासन और सेना अलर्ट, राहत कार्य जारी
स्थानीय प्रशासन, सेना और BRO की टीमें राहत व बचाव कार्यों में जुटी हैं। लापता जवानों की तलाश, फंसे लोगों की निकासी और टूटी सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता बन चुकी है। फिलहाल, लोगों से अपील की जा रही है कि वे पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।