भोपाल। किसानों को 10 घंटे से ज्यादा बिजली देने पर सैलरी काटने का सर्कुलर को मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सख्ती के बाद कंपनी ने आनन-फानन में यह निर्णय लिया। यही नहीं, कंपनी ने सर्कुलर जारी करने वाले चीफ इंजीनियर अजय कुमार जैन को पद से हटा दिया है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने 31 अगस्त और 3 नवंबर को जारी परिपत्रों को निरस्त कर दिया है। इसकी वजह दोनों के कारण भ्रम की स्थिति होना बताया गया है। कंपनी ने अपने नए आदेश में कहा कि- कंपनी कृषि उपभोक्ताओं को राज्य शासन की मंशा के अनुसार 10 घंटे बिजली सप्लाई करने के लिए कृत संकल्पित है। किसान उपभोक्ताओं को 10 घंटे बिना रुकावट बिजली सप्लाई करने के लिए सभी मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
वहीं कंपनी के एमडी क्षितिज सिंघल ने अपने आदेश में विवादित सर्कुलर जारी करने वाले चीफ जनरल मैनेजर ओ एंड एम (आॅपरेशन एंड मैनेटेनेंस)अजय कुमार जैन को नान कन्वेंशनल एनर्जी सेक्शन भोपाल में पदस्थ किया गया है। जैन की जगह पर डिप्टी सीजीएम आरपी चौबे को ओ एंड एम सेक्शन का प्रभार दिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बिजली कंपनी के पुराने सर्कुलर पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि किसानों को पूरे 10 घंटे बिना रुकावट बिजली दी जाएगी। अगर कोई अधिकारी गलत सर्कुलर निकालेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के चीफ जनरल मैनेजर आरएस जैन के एक सर्कुलर के कारण बिजली कर्मचारियों और किसानों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया था। जैन ने अपने पत्र ने चेतावनी दी थी कि कृषि फीडरों पर 10 घंटे से अधिक बिजली आपूर्ति करने पर सख्त रुख अपनाया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि यदि किसी माह में कृषि फीडरों पर निर्धारित अवधि से अधिक बिजली आपूर्ति दी गई, तो संबंधित आपरेटर से लेकर महाप्रबंधक (जीएम) स्तर तक के अधिकारियों का वेतन काटा जाएगा।