Naresh Bhagoria
23 Nov 2025
नई दिल्ली। भारत में तेजी से बढ़ रहे मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारियों को रोकने के लिए अब सरकार ने खानपान की आदतों पर कड़ा रुख अपनाया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नया निर्देश जारी करते हुए सभी मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त संस्थानों को अपने-अपने कैंपस की कैंटीनों में ‘तेल और शक्कर चेतावनी बोर्ड’ लगाने को कहा है। इन बोर्डों पर समोसा, जलेबी, पकौड़े, पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज जैसे लोकप्रिय लेकिन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक खाद्य पदार्थों में मौजूद वसा और शक्कर की मात्रा की जानकारी दी जाएगी।
नए आदेश के तहत, हर संस्थान की कैंटीन और अन्य सार्वजनिक जगहों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे, जिनमें यह बताया जाएगा कि एक गुलाब जामुन में कितनी चीनी होती है, या एक समोसे में कितनी कैलोरी और वसा है। इसका उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि वह जो खा रहे हैं, वह उनकी सेहत पर क्या असर डाल सकता है।
यह चेतावनी सिगरेट के पैकेट पर छपी चेतावनियों की तरह होगी, जिनका मकसद लोगों को नुकसानदायक आदतों के प्रति जागरूक करना है। हालांकि ये चेतावनियां अभी सिर्फ पोस्टर और बोर्ड के रूप में कैंटीन या सार्वजनिक स्थानों पर लगेंगी, लेकिन सरकार की कोशिश इसे धीरे-धीरे बड़े स्तर पर लागू करने की है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में मोटापा और इससे जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में हर पांचवां वयस्क मोटापे या अधिक वजन से ग्रस्त है। हाल ही में आए ‘लैंसेट जीबीडी 2021 मोटापा पूर्वानुमान अध्ययन’ के मुताबिक, 2021 में भारत में 18 करोड़ मोटे या अधिक वजन वाले लोग थे, जो 2050 तक बढ़कर 44.9 करोड़ हो सकते हैं। यह स्थिति भारत को दुनिया में मोटापे से ग्रस्त लोगों की संख्या में दूसरे स्थान पर ला सकती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव द्वारा 21 जून को भेजे गए पत्र में सभी सरकारी कार्यालयों से आग्रह किया गया है कि वे इस चेतावनी अभियान को गंभीरता से लें और अपने परिसर में इसे लागू करें। साथ ही, सभी प्रकार की सरकारी स्टेशनरी (लेटरहेड, लिफाफे, फोल्डर आदि) पर भी मोटापे और अस्वस्थ खानपान के खिलाफ जागरूकता संदेश छापने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिर्फ चेतावनी बोर्ड लगाने तक ही बात नहीं रखी, बल्कि कार्यस्थलों पर पौष्टिक और कम वसा वाले खाद्य विकल्प उपलब्ध कराने, सीढ़ियों के उपयोग को बढ़ावा देने, लंच ब्रेक में हल्के व्यायाम, और पैदल चलने जैसे उपायों को अपनाने की अपील की है।
सरकार ने इन चेतावनी बोर्ड्स के कुछ प्रारूप भी साझा किए हैं। ‘तेल बोर्ड’ में बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, पिज्जा, वड़ा पाव, समोसा, पकौड़े जैसे स्नैक्स में मौजूद वसा की मात्रा बताई जाएगी। वहीं ‘शक्कर बोर्ड’ में कोल्ड ड्रिंक, गुलाबजामुन, चॉकलेट पेस्ट्री जैसे मीठे पदार्थों में छिपी चीनी की जानकारी दी जाएगी।