Aniruddh Singh
11 Oct 2025
मुंबई। सितंबर 2025 में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (Gold ETF) में रिकॉर्ड निवेश देखने को मिला, जहां कुल 8,363 करोड़ रुपए का निवेश देखने को मिला। यह अब तक का सबसे ऊंचा मासिक निवेश स्तर है, जो अगस्त की तुलना में चार गुना अधिक है। इस उछाल के पीछे मुख्य कारण हैं सोने में मजबूती, वैश्विक अस्थिरता, निवेशकों की सुरक्षा की चाह और पोर्टफोलियो विविधीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति। टाटा एसेट मैनेजमेंट के चीफ बिजनेस ऑफिसर आनंद वरदराजन के अनुसार, बीते कुछ माह में सोना और चांदी दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया है। अगस्त में जहां गोल्ड ईटीएफ में करीब 2,000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया, वहीं सितंबर में यह आंकड़ा बढ़कर 8,300 करोड़ रुपए से अधिक पर पहुंच गया। इसका कारण निवेशकों का सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुझान और मुनाफे की तलाश है।
सितंबर 2025 में गोल्ड ईटीएफ में आए इस भारी निवेश का कारण वैश्विक जोखिम से बचाव और प्रमुख केंद्रीय बैंकों की नीतिगत बैठकों से पहले की रणनीतिक पोजिशनिंग है। दुनिया भर में राजनीतिक तनाव, डॉलर की मजबूती और शेयर बाजारों की अस्थिरता के बीच निवेशकों ने सोने को फिर से सुरक्षित निवेश के रूप में चुना। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, गोल्ड ईटीएफ में सितंबर में अगस्त के मुकाबले निवेश में 282% की वृद्धि हुई। पिछले साल सितंबर 2024 में यह आंकड़ा मात्र 1,232 करोड़ रुपए था, जबकि इस साल यह 8,363 करोड़ रुपए तक पहुंच गया-यानी 578% की सालाना बढ़ोतरी।
गोल्ड ईटीएफ के कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला, जो अगस्त के 72,495 करोड़ रुपए से बढ़कर सितंबर में 90,135 करोड़ रुपए हो गया। यह 24% मासिक वृद्धि और 126% वार्षिक वृद्धि दर्शाता है। एमके रिसर्च विश्लेषणों के अनुसार, गोल्ड ईटीएफ में यह रुझान बताता है कि निवेशक इसे लंबी अवधि की संपत्ति सुरक्षा और महंगाई से बचाव के साधन के रूप में देख रहे हैं। वर्ष 2025 की पहली छमाही में ही गोल्ड ईटीएफ में कुल 19,830 करोड़ रुपए से अधिक का नेट निवेश दर्ज हुआ, जो इस सेगमेंट की वापसी का स्पष्ट संकेत है।
इसी अवधि में अन्य ईटीएफ श्रेणियां, विशेष रूप से सिल्वर ईटीएफ, ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। सितंबर में सिल्वर ईटीएफ में लगभग 8,150 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जो अगस्त के 7,244 करोड़ रुपए से अधिक है। मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स की सुरंजन बोरठाकुर ने बताया कि गोल्ड और सिल्वर दोनों में निवेशकों की रुचि बनी रहेगी, जब तक कीमतों में कोई बड़ा सुधार नहीं आता। हालांकि, घरेलू बाजार में चांदी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर से काफी अधिक हैं, जिसके चलते कोटक म्यूचुअल फंड ने अपने सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड में नए लम्पसम निवेशों पर अस्थायी रोक लगा दी है।