Manisha Dhanwani
3 Oct 2025
Aniruddh Singh
3 Oct 2025
Shivani Gupta
1 Oct 2025
Shivani Gupta
1 Oct 2025
सोची। रूस के सोची में गुरुवार को आयोजित वाल्दाई पॉलिसी फोरम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत, अमेरिका और यूरोप को लेकर कई अहम बयान दिए। उन्होंने साफ कहा कि, भारत कभी भी अमेरिकी दबाव में आकर अपने राष्ट्रीय हितों के खिलाफ फैसला नहीं करेगा। पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भरोसेमंद मित्र बताते हुए कहा कि, वे हमेशा भारत की संप्रभुता को प्राथमिकता देंगे।
पुतिन ने कहा कि, अमेरिका लगातार भारत पर रूसी तेल न खरीदने का दबाव बना रहा है और 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाकर कुल 50% शुल्क लागू कर चुका है। लेकिन भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों और नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए यह खरीदारी जारी रखेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि, अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद करता है तो उसे 9 से 10 अरब डॉलर का नुकसान होगा और पूरी दुनिया में तेल की कीमतें प्रति बैरल 100 डॉलर से ऊपर जा सकती हैं।
रूसी राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि, “भारत जैसे देश में लोग अपने नेताओं के फैसलों पर कड़ी नजर रखते हैं और किसी भी अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैं प्रधानमंत्री मोदी को जानता हूं, वे कभी भी ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जो भारत के हितों के खिलाफ हो।”
भारत द्वारा बड़े पैमाने पर कच्चे तेल की खरीद के कारण बने व्यापार असंतुलन पर पुतिन ने कहा कि, रूस ठोस कदम उठाएगा। उन्होंने सुझाव दिया कि, भारत चाहे तो रूस से ज्यादा कृषि उत्पाद और दवाइयां खरीद सकता है। पुतिन ने दिसंबर में होने वाली अपनी भारत यात्रा पर भी खुशी जताई और कहा कि वे मोदी से भरोसे के साथ बातचीत कर सकते हैं।
पुतिन ने अमेरिकी नेतृत्व और यूरोपीय देशों को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि, यूरोप के नेता अपने नागरिकों को डर दिखाकर भ्रमित कर रहे हैं कि रूस NATO देशों पर हमला करेगा। जबकि हकीकत यह है कि रूस का ऐसा कोई इरादा नहीं है। उन्होंने यूरोपीय जनता से कहा कि, “अपने नेताओं की झूठी बातों पर ध्यान न दें और चैन से सोएं।”
रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि इतिहास गवाह है कि रूस कभी भी कमजोर नहीं पड़ा और न ही होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी रूस को उकसाने की कोशिश करेगा, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें- अगर अमेरिका ने ये मिसाइलें दीं तो रूस-अमेरिका संबंध और बिगड़ जाएंगे, लेकिन रूस इसका समाधान निकाल लेगा।
चार्ली किर्क की हत्या- पुतिन ने इसे जघन्य अपराध बताया और अमेरिकी समाज में बढ़ती फूट का उदाहरण कहा।
'कागजी शेर' टिप्पणी पर- ट्रंप द्वारा रूस को कागजी शेर कहे जाने पर तंज कसते हुए पुतिन बोले कि अगर रूस कागजी शेर है और NATO से भिड़ा है, तो NATO की असलियत क्या है?
LGBTQ आंदोलन- रूस ने पारंपरिक मूल्यों को बढ़ावा देने की बात दोहराई और समान जेंडर संबंधों को अस्वीकार करने वाले अपने फैसले का बचाव किया।
पुतिन ने कहा कि, अगर डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में होते तो शायद यूक्रेन संघर्ष टल सकता था। उन्होंने इसे एक मानवीय त्रासदी बताते हुए कहा कि, अमेरिका की गलत नीतियों ने हालात बिगाड़े।
पुतिन ने ब्रिक्स देशों और अन्य सहयोगियों का आभार जताया जिन्होंने रूस की शांति पहल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत अपनी शर्तें सब पर नहीं थोप सकती।