Naresh Bhagoria
19 Nov 2025
कटनी। चर्चित आदिवासी जमीन घोटाले के विरोध में बुधवार को कलेक्ट्रेट पर आदिवासी संगठनों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि विधायक संजय पाठक से जुड़े मामलों में उनके चार आदिवासी कर्मचारियों को मोहरा बनाकर कटनी, जबलपुर, उमरिया, सिवनी और डिंडौरी जिलों में बेनामी संपत्ति खरीदी गई। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस मामले की जांच राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, दिल्ली भी कर रहा है और संबंधित जिलों के कलेक्टरों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन एवं पुलिस को करीब पांच माह पूर्व दस्तावेजों सहित शिकायत सौंपी गई थी, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
शिकायतकर्ता दिव्यांशु मिश्रा अंशु ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बयान दर्ज कर जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया। बिना खातों की पूरी जांच किए मामले की पारदर्शी जांच संभव नहीं है। प्रदर्शनकारी संगठनों ने आरोपों के आधार पर विधायक संजय पाठक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग उठाई। संगठनों ने चार आदिवासी कर्मचारियों नत्थू कोल, प्रहलाद कोल, राकेश सिंह गोंड़ और रघुराज सिंह गोंड़ के बैंक खातों के पिछले 25 वर्षों के लेनदेन की जांच की मांग की। आरोप है कि गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले इन कर्मचारियों के खातों में पाठक की पारिवारिक कंपनियों द्वारा करोड़ों रुपए का लेनदेन किया गया।
संगठनों ने आरोपों के आधार पर विधायक संजय पाठक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग उठाई। उनका कहना है कि यदि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा जल्द निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई तो वे कोर्ट की शरण लेने को मजबूर होंगे। प्रदर्शन में जयस, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन समेत अनेक संगठन शामिल हुए। प्रमुख रूप से मनोज धुर्वे, रामनारायण कुररिया, मोहम्मद इसराइल, ओंकार सिंह, शुभम मिश्रा, अजय खटिक सहित सैकड़ों आदिवासी उपस्थित रहे। प्रदर्शन के दौरान प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी हुई और जल्द कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई।