Naresh Bhagoria
19 Nov 2025
इंदौर — दिल्ली धमाके की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई कि उससे जुड़े चेहरों की असलियत सामने आने लगी है। अब आरोपों की तपिश सीधे इंदौर–महू तक पहुंच चुकी है। धमाके के बाद संदिग्धों के मेडिकल लिंक तेजी से सामने आ रहे हैं और कई डॉक्टर व अस्पताल प्रबंधक अपने रोल को छुपाने की कोशिशों में जुट गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि कुछ डॉक्टरों ने नाम छुपाकर संदिग्धों को सुविधाएं दीं, जिससे जांच की दिशा और गहरी हो गई है।
दिल्ली बम धमाके के बाद हड़कंप मचाने वाली अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन और ट्रस्ट प्रमुख जवाद सिद्दीकी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। महू छावनी परिषद ने जवाद और उसके भाई हमूद सिद्दीकी के महू स्थित चार मंजिला मकान पर कार्रवाई की तलवार लटका दी है। यह घर मुकेरी मोहल्ला में स्थित है और कैंट बोर्ड ने इसे अनधिकृत निर्माण घोषित कर दिया है। बोर्ड ने धमाके से जुड़े दस्तावेज़ों की जांच के बाद मकान पर बड़ा नोटिस चस्पा करते हुए तीन दिन में कब्जाधारी को खुद निर्माण हटाने का आदेश थमा दिया है। अल्टीमेटम साफ है
बता दें कि दिल्ली में हुए विस्फोट का मुख्य आरोपित उमर नबी, सीधे अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ था। जांच एजेंसियों ने जब यूनिवर्सिटी की परतें खोलीं तो कई चौंकाने वाली जानकारियाँ बाहर आईं—जिनमें यूनिवर्सिटी प्रबंधन के खिलाफ गंभीर अनियमितताएँ, विवादित गतिविधियाँ और संदिग्ध संपर्क भी शामिल हैं।
· 25 साल पुराना बड़ा धोखाधड़ी केस,
· और लगभग 36–37 साल पुराने दंगों के मामले में उसकी गिरफ्तारी दर्ज हुई है।
दोनों भाइयों का यह चार मंजिला मकान उनके पिता हम्माद अहमद सिद्दीकी के नाम पर है, जो महू के शहर काज़ी रह चुके हैं। अब प्रशासन मकान को भी जांच के दायरे में लेकर आगे की कार्रवाई में कोई नरमी नहीं बरत रहा।