Shivani Gupta
2 Dec 2025
Shivani Gupta
1 Dec 2025
काबुल/इस्लामाबाद। अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर हाल ही में हुईं हिंसक झड़पों ने क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है। दोनों पक्षों के बीच 8 अक्टूबर से लगातार गोलीबारी और हवाई हमले जारी हैं। अफगान तालिबान और पाकिस्तान की सेना ने एक-दूसरे पर भारी नुकसान का दावा किया है। इस संघर्ष के चलते आम नागरिकों की जान और संपत्ति दोनों प्रभावित हो रही हैं।
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें तालिबान लड़ाके पाकिस्तान की चौकियों से जब्त की गई पैंट और हथियार दिखा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सैनिक डूरंड रेखा के पास अपनी चौकियों को छोड़कर भाग गए थे। तालिबान ने इन चौकियों पर कब्जा किया और इसे जीत की निशानी के रूप में पेश किया।
पाकिस्तानी हवाई हमलों में काबुल और कंधार में कम से कम 15 अफगान नागरिक मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए। इसके जवाब में अफगानिस्तान ने सीमा पर टैंक तैनात किए और तालिबान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा किया। इस संघर्ष में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर भारी नुकसान का दावा किया है।
अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के दो गुटों ने पाकिस्तान के खिलाफ एक होने की घोषणा की है। इनमें एक गुट का नेतृत्व मुफ्ती अब्दुर रहमान कर रहे हैं, जबकि दूसरा कमांडर शेर खान का है। दोनों गुटों ने TTP के प्रति वफादारी की कसम खाई है।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच डूरंड लाइन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। यह सीमा ब्रिटिश काल में 1893 में तय की गई थी और 2430 किलोमीटर लंबी है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों ही इसे मान्यता नहीं देते। तालिबान का कहना है कि यह सीमा खारिज होनी चाहिए।
पाकिस्तान का दावा है कि, उसने इस संघर्ष में 200 से अधिक तालिबानी लड़ाकों को मार गिराया। अफगानिस्तान का दावा है कि, उसने 58 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर करने के साथ ही कई चौकियों पर कब्जा किया। दोनों देशों में 48 घंटे का सीजफायर लागू है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच तनाव जारी है।
इस संघर्ष ने क्षेत्र में स्थिरता को खतरे में डाल दिया है। 72 देशों के खिलाड़ी और नागरिक सुरक्षा विशेषज्ञ इस क्षेत्र की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अफगान तालिबान और TTP का गठजोड़ पाकिस्तान के लिए चुनौती साबित हो सकता है।