Shivani Gupta
2 Dec 2025
Shivani Gupta
1 Dec 2025
Manisha Dhanwani
1 Dec 2025
ओस्लो। नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में आज नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की घोषणा की जाएगी। इस बार 338 दावेदार हैं, जिनमें 244 व्यक्ति और 94 संगठन शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस सूची में सबसे चर्चा में हैं। उन्होंने बार-बार दावा किया है कि, उन्हें यह पुरस्कार मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने भारत-पाकिस्तान समेत 7 युद्ध रुकवाए। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल उनकी जीत की संभावना कम है।
डोनाल्ड ट्रंप: इजराइल-ईरान सीजफायर समेत 7 युद्ध रोकने के प्रयासों के लिए।
एलन मस्क: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांति के लिए।
इमरान खान: पाकिस्तान में मानवाधिकार और लोकतंत्र के लिए।
ग्रेटा थनबर्ग: जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण के लिए।
यूलिया नवलनया: रूस में मानवाधिकार और एलेक्सी नवल्नी की विरासत के लिए।
अनवर इब्राहिम: थाईलैंड-कंबोडिया क्षेत्र में मध्यस्थता और शांति प्रयासों के लिए।
सूडान इमरजेंसी रिस्पॉन्स रूम्स: युद्ध और भुखमरी के दौरान मानवीय मदद के लिए।
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स: प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकार सुरक्षा के लिए।
पोप फ्रांसिस: शांति, गरीबों और पर्यावरण के लिए।
हालांकि, ट्रंप ने गाजा सीजफायर प्लान पेश किया, जिसे इजराइल और हमास ने स्वीकार किया, विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी दावेदारी अभी कमजोर है। नॉर्वेजियन नोबेल कमिटी के नियमों के अनुसार, नामांकन की आखिरी तारीख 31 जनवरी 2025 थी। ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ ली और 11 दिन बाद नामांकन प्रक्रिया बंद हो गई।
स्थापना: 1895, अल्फ्रेड नोबेल द्वारा
पहला पुरस्कार: 1901
अब तक 141 बार दिया जा चुका है (111 व्यक्तियों, 30 संगठनों को)
पुरस्कार देशों के बीच दोस्ती, युद्ध की रोकथाम और शांति बैठकों को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है।
महात्मा गांधी को 5 बार नॉमिनेट किया गया, लेकिन वे कभी विजेता नहीं बने।
मदर टेरेसा (1979): गरीब और बीमारों की सेवा के लिए
कैलाश सत्यार्थी (2014): बच्चों को गुलामी से बचाने और शिक्षा के अधिकार के लिए
2024: निहोन हिडांक्यो ऑर्गेनाइजेशन (जापान) – परमाणु हथियारों के खिलाफ संघर्ष
2023: नरगिस मोहम्मदी (ईरान) – महिलाओं के अधिकारों के लिए
2022: 3 संगठन – बेलारूस, रूस, यूक्रेन में लोकतंत्र और मानवाधिकार
2021: मारिया रेसा और दिमित्री मुरातोव – पत्रकारिता और अभिव्यक्ति स्वतंत्रता
2020: वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) – भूख और शांति बढ़ाने के लिए