Manisha Dhanwani
13 Sep 2025
न्यूयार्क। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूनेस्को) की बैठक में इजरायल और पाकिस्तान के बीच जबर्दस्त टकराव देखने को मिला। यह बैठक कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं पर इज़रायली हमले को लेकर आयोजित की गई थी, लेकिन चर्चा के दौरान मामला ओसामा बिन लादेन और आतंकवाद पर दोहरे मापदंड तक पहुंच गया। इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि डैनी डैनन ने पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पाकिस्तान यह तथ्य नहीं बदल सकता कि अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन उसकी जमीन पर शरण लिए हुए था और यहीं मारा गया था।
डैनन ने पाकिस्तान पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर क्यों बिन लादेन को पनाह दी गई थी। उन्होंने कहा जब अमेरिका ने पाकिस्तान की धरती पर बिन लादेन को मार गिराया था, तब किसी ने यह सवाल नहीं उठाया कि क्यों किसी विदेशी जमीन पर कार्रवाई की गई, बल्कि सबने यह पूछा कि क्यों एक आतंकवादी को शरण दी गई? यही सवाल आज भी पूछा जाना चाहिए। डैनन ने साफ कहा कि जैसे बिन लादेन को कोई छूट नहीं दी गई, वैसे ही हमास को भी कोई छूट नहीं मिलनी चाहिए।
पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने इजराइल की इन टिप्पणियों को कड़ी प्रतिक्रिया की। उन्होंने कहा इजराइल बार-बार अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर रहा है और उसकी सैन्य कार्रवाइयां न केवल गाजा में बल्कि सीरिया, लेबनान, ईरान और यमन में भी निर्दोषों के खिलाफ जारी हैं। अहमद ने इजराइल के हमले को अवैध और उकसावे वाली आक्रामकता बताया और कहा कि यह पूरे क्षेत्र की शांति को कमजोर करता है।
पाकिस्तान ने इजरायल को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का धारावाहिक उल्लंघनकर्ता करार दिया और कहा कि इजरायल दूसरों पर आरोप लगाकर अपने अपराधों को छुपाने की कोशिश करता है। यह बहस ऐसे दिन हुई जब अमेरिका में 9/11 आतंकी हमलों की 24वीं बरसी थी। डैनन ने इस मौके पर याद दिलाया कि 9/11 की तरह ही 7 अक्टूबर इजराइल के लिए खून और आग का दिन था।
डैनन ने कहा 9/11 हमलों के बाद सुरक्षा परिषद ने यह स्पष्ट किया था कि कोई भी देश आतंकवादियों को शरण नहीं देगा और जो सरकारें ऐसा करेंगी, वे परिषद के बाध्यकारी दायित्वों का उल्लंघन करेंगी। डैनन का तर्क था कि यह सिद्धांत उस समय भी सही था और आज भी उतना ही प्रासंगिक है। बैठक में दोनों पक्षों के बीच बार-बार तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। डैनन ने कहा कि पाकिस्तान जब इजरायल पर आरोप लगाता है तो उसे अपने इतिहास की ओर भी देखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान यह तथ्य नहीं बदल सकता कि 9/11 हुआ था, यह भी नहीं बदल सकता कि बिन लादेन पाकिस्तान में छिपा हुआ था और वहीं मारा गया। उन्होंने दोहरे मानदंडों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब अमेरिका ने पाकिस्तान में कार्रवाई की तो किसी ने निंदा नहीं की, लेकिन जब इजराइल आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करता है तो उसे कठघरे में खड़ा किया जाता है। यही असली समस्या है कि अलग-अलग देशों पर अलग मानक लागू किए जाते हैं।