Aniruddh Singh
16 Oct 2025
मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में इस दीवाली सप्ताह में जबरदस्त तेजी देखी गई है। निफ्टी 50 सूचकांक 25,781 के ऊपर पहुंचकर अपने 52-सप्ताह के नए उच्च स्तर पर जा पहुंचा। यह तेजी कई घरेलू और वैश्विक कारणों के चलते आई है, जिसने निवेशकों के मनोबल को मजबूत किया और बाजार में फेस्टिव रैली का माहौल बना दिया। पिछले तीन कारोबारी सत्रों में निफ्टी करीब 2.2% बढ़ चुका है, जिससे निवेशकों का भरोसा फिर से लौटा है। सबसे पहले विदेशी निवेशकों (एफआईआई) की वापसी ने बड़ा बदलाव लाया। कई महीनों की बिकवाली के बाद अब उन्होंने भारतीय बाजार में फिर से पैसा डालना शुरू कर दिया है। इस समय 1.42 बजे बीएसई का सेंसेक्स 344.35 अंक की तेजी के साथ 83,782.30 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है, जबकि कारोबार के दौरान एक समय इसने 84,172.24 के स्तर पर पहुंच गया था। एनएसई का निफ्टी इस समय 80.20 अंकों की तेजी के साथ 25,665.50 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है।
अक्टूबर के मध्य तक एफआईआई ने हजारों करोड़ रुपए की खरीदारी की है, जबकि पिछले महीनों में उन्होंने भारी मात्रा में पूंजी निकाली थी। विदेशी पूंजी का लौटना इस बात का संकेत है कि भारत को फिर से एक स्थिर और आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में देखा जा रहा है। दूसरा बड़ा कारण अमेरिका के बॉन्ड यील्ड्स में गिरावट है। जब अमेरिकी सरकारी बॉन्ड पर ब्याज दरें घटती हैं, तो विदेशी निवेशक अधिक मुनाफे के लिए उभरते बाजारों जैसे भारत की ओर रुख करते हैं। इससे भारतीय शेयरों में पूंजी का प्रवाह बढ़ता है और बाजार में तरलता सुधरती है। तीसरा पहलू भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में सकारात्मक संकेत हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच ऊर्जा सहयोग और व्यापार पर प्रगति की खबरों ने निवेशकों को राहत दी है।
इससे यह उम्मीद बढ़ी है कि भारत और अमेरिका के बीच अब कोई नया तनाव नहीं बढ़ेगा, जिससे विदेशी निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है। हाल ही में आए कई बड़े आईपीओ के कारण बाजार में जो दबाव था, वह भी अब घट गया है। नए इश्यूज के रुकने से निवेशकों के पास फिर से सेकेंडरी मार्केट में पैसा लगाने की गुंजाइश बनी है, जिससे मांग बढ़ी है और शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही, शॉर्ट कवरेज यानी मंदी की शर्त लगाने वाले निवेशकों द्वारा अपनी स्थिति बंद करने से भी तेजी और बढ़ गई। जब बाजार अचानक ऊपर जाता है, तो नुकसान से बचने के लिए शॉर्ट सेलर्स अपनी पोजीशन खत्म करते हैं, जिससे अतिरिक्त खरीदारी का दबाव बनता है। यही इस उछाल को और तेज बना रहा है। इसके अलावा, रुपए की मजबूती ने भी इस तेजी को सहारा दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ है, जिससे विदेशी निवेशकों के लिए भारत का आकर्षक बढ़ गया है। साथ ही, बैंकिंग शेयरों विशेषकर एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में अच्छे परिणामों की उम्मीद ने बाजार को अतिरिक्त बल दिया। इन शेयरों में हुई बढ़त से निफ्टी और बैंक निफ्टी दोनों मजबूत हुए हैं। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी भारत के लिए वरदान साबित हो रही है। अमेरिका और रूस के बीच संभावित शांति वार्ता से वैश्विक तेल आपूर्ति को लेकर चिंताएं कम हुई हैं। कुल मिलाकर, विदेशी पूंजी की वापसी, वैश्विक ब्याज दरों में गिरावट, रुपए की मजबूती, बैंक शेयरों में तेजी, और दीवाली की सकारात्मक भावना ने मिलकर भारतीय शेयर बाजार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।