Manisha Dhanwani
30 Oct 2025
Priyanshi Soni
30 Oct 2025
Aakash Waghmare
29 Oct 2025
काठमांडू। नेपाल सरकार ने गुरुवार देर रात बड़ा कदम उठाते हुए फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सऐप और एक्स (ट्विटर) समेत 26 बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने यह कार्रवाई इसलिए की क्योंकि इन प्लेटफॉर्म्स ने संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में तय समय सीमा तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया।
नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने बीते सप्ताह आदेश दिया था कि देश में काम कर रहे सभी देसी और विदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 3 सितंबर तक पंजीकरण कराना होगा। इस आदेश के बाद मंत्रालय ने कंपनियों को सात दिन का समय दिया था। लेकिन फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, एक्स, व्हाट्सऐप, लिंक्डइन और रेडिट जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स ने तय समय तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया।
सरकार ने साफ किया कि जिन प्लेटफॉर्म्स ने रजिस्ट्रेशन पूरा कर लिया है, उन पर प्रतिबंध लागू नहीं होगा। फिलहाल टिकटॉक, वाइबर, विटक और निमबज जैसे ऐप्स पंजीकृत हैं। वहीं, टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी की मंजूरी प्रक्रिया जारी है। प्रवक्ता गजेंद्र कुमार ठाकुर के अनुसार, “जैसे ही कोई कंपनी रजिस्ट्रेशन कर लेगी, उस पर लगे बैन को उसी दिन हटा लिया जाएगा।”
इस फैसले से नेपाल के भीतर ही नहीं, बल्कि विदेशों में रह रहे लाखों नेपाली प्रभावित होंगे। वरिष्ठ पत्रकार प्रल्हाद रिजाल का कहना है कि “करीब 70 लाख से ज्यादा नेपाली युवा पढ़ाई या नौकरी के लिए विदेश में रहते हैं। वे रोजाना परिवार और दोस्तों से जुड़ने के लिए फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं। यह बैन उनकी बातचीत पर सीधा असर डालेगा।”
नेपाल सरकार का कहना है कि यह कदम सोशल मीडिया पर अनचाहे और आपत्तिजनक कंटेंट को नियंत्रित करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। हालांकि, मीडिया विशेषज्ञ उज्ज्वल आचार्य ने इस फैसले को “गुमराह करने वाला” बताते हुए आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध नेपाल की लोकतांत्रिक छवि को नुकसान पहुंचा सकता है और वैश्विक स्तर पर देश की नकारात्मक छवि बनेगी।
नेपाल सरकार ने संसद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को मैनेज करने और उनकी जवाबदेही तय करने के लिए विधेयक भी पेश किया है। हालांकि, इस विधेयक पर अभी बहस जारी है और इसे लेकर व्यापक विरोध भी देखने को मिल रहा है। विपक्षी दलों और नागरिक समाज संगठनों का कहना है कि सरकार इस कानून का इस्तेमाल असहमति और आलोचना को दबाने के लिए कर सकती है।
प्रतिबंधित ऐप्स और साइट्स में फेसबुक, मैसेंजर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सऐप, एक्स (ट्विटर), लिंक्डइन, स्नैपचैट, रेडिट, डिस्कॉर्ड, पिंटरेस्ट, सिग्नल, थ्रेड्स, वीचैट, क्वोरा, टम्बलर, क्लब हाउस, रंबल, एमआई वीडियो, लाइन, इमो, जालो, सोल और हमरो पैट्रो शामिल हैं।