मीटिंग के दौरान मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत और जॉर्डन की सोच पूरी तरह समान है और दोनों देश इस चुनौती से निपटने के लिए मिलकर काम करने के पक्षधर हैं। उन्होंने जॉर्डन पहुंचने पर मिले गर्मजोशी भरे स्वागत और आत्मीय सम्मान के लिए किंग अब्दुल्ला का आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने उर्वरक, डिजिटल तकनीक, नवाचार और अन्य अहम क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने की जरूरत पर भी जोर दिया। इस दौरान भारत और जॉर्डन के बीच पांच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जो द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने वाले माने जा रहे हैं।
वहीं किंग अब्दुल्ला ने मोदी की यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह भारत और जॉर्डन के बीच दशकों पुरानी दोस्ती, आपसी सम्मान और सार्थक सहयोग को दर्शाती है। उन्होंने दोनों देशों के संबंधों को और आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि यह साझेदारी क्षेत्रीय स्थिरता और विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।
भारत-जॉर्डन के बीच 5 अहम समझौते
भारत और जॉर्डन के बीच पांच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो दोनों देशों के सहयोग को नई मजबूती देंगे। इन समझौतों में संस्कृति, रिन्युएबल एनर्जी, जल प्रबंधन, डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण जैसे जरूरी क्षेत्र शामिल हैं।
दूसरी ओर संस्कृति के क्षेत्र में दोनों देशों ने आपसी सहयोग बढ़ाने और सांस्कृतिक आदान–प्रदान को प्रोत्साहित करने पर सहमति जताई। रिन्युएबल और स्वच्छ ऊर्जा के तहत सौर और अन्य क्लीन एनर्जी परियोजनाओं पर मिलकर काम करने का निर्णय लिया गया, जिससे टिकाऊ विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा जल संसाधनों के बेहतर और प्रभावी प्रबंधन को लेकर भी समझौता हुआ, जो जल संकट से निपटने में सहायक माना जा रहा है। डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के अंतर्गत डिजिटल गवर्नेंस, तकनीक आधारित सार्वजनिक सेवाओं और नवाचार में साझेदारी को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी। वहीं, ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण को लेकर सहयोग से दोनों देशों की समृद्ध विरासत को सहेजने में मदद मिलेगी।




















