Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी घोषणा की है। उन्होंने दो टूक कहा कि इस बार नक्सली बारिश में भी चैन से नहीं सो पाएंगे। अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन उन्होंने नक्सलवाद के समूल खात्मे का संकल्प दोहराया और राज्य को नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) और सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (CFSL) की सौगात भी दी।
नवा रायपुर में गृहमंत्री अमित शाह ने NFSU और CFSL परिसर का भूमिपूजन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “यह संस्थान छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए रोजगार और आधुनिक न्याय प्रणाली की दिशा में बड़ा कदम है। I-Hub और NFSU युवाओं के लिए नौकरी की गारंटी है।”
उन्होंने बताया कि इस तरह की वैज्ञानिक संस्थाओं की स्थापना से न केवल अपराधों की जांच में तेजी आएगी, बल्कि न्याय व्यवस्था भी और सशक्त होगी।
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना करते हुए कहा कि राज्य ने तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने में तत्परता दिखाई है। उन्होंने कहा, “ये कानून भारत को एक आधुनिक, तेज और वैज्ञानिक न्याय व्यवस्था की ओर ले जाएंगे। इससे न्याय मिलने में देरी नहीं होगी।”
अपने भाषण में शाह ने नक्सलियों को सीधे शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “अब नक्सली बारिश में भी चैन की नींद नहीं सो पाएंगे। हम नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करेंगे। मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह खात्म करेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने का एक और मौका दिया जा रहा है। हथियार डालकर अगर वे आत्मसमर्पण करते हैं, तो सरकार हरसंभव मदद करेगी।
अमित शाह ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा की तारीफ करते हुए कहा कि जब से छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनी है, नक्सल विरोधी अभियान में स्पष्ट तेजी आई है। उन्होंने कहा, “सुरक्षा बलों ने लगातार सफलता प्राप्त की है और यह दिखाता है कि सरकार नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
अपने दौरे के दौरान शाह राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक भी करेंगे, जिसमें नक्सल ऑपरेशनों की समीक्षा की जाएगी। साथ ही वे नक्सल विरोधी अभियानों में शामिल जवानों से मुलाकात करेंगे और उनका हौसला बढ़ाएंगे।
शाह के इस दौरे से स्पष्ट है कि केंद्र सरकार नक्सलवाद के मुद्दे पर बेहद गंभीर है और वर्ष 2026 तक इसके पूर्ण खात्मे के लक्ष्य पर काम कर रही है।