Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में ऑनलाइन गेमिंग को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी। जिस पर शीर्ष अदालत ने केंद्र से जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका की सुनवाई जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बैंच कर रही थी। बैंच ने याचिकाकार्ता के वकील विराग गुप्ता की दलीलें सुनी और कहा कि मंगलवार को वह अन्य लंबित याचिकाओं के साथ ही इस मामले पर भी सुनवाई करेगी। इसके अलावा बेंच ने कहा, 'हम चाहते हैं कि केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मुख्य याचिका पर भी एक व्यापक जवाब दाखिल करें'.
बैंच ने सरकार से याचिकाकर्ता द्वारा आनलाइन गेमिंग एप्स के बारे में दी गई जानकारी पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बता दें वकील गुप्ता ने केंद्र को सट्टेबाजी और जुए वाले 2,000 एप्स का विवरण सौंपा। शीर्ष अदालत सेंटर फार अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमिक चेंज (सीएएससी) और शौर्य तिवारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने पहले ही कई स्थानांतरित याचिकाओं को चार नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया हुआ है।
ऑनलाइन गेमिंग के इस मामले में शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों को जवाब की पहली प्रति पहले ही दे दी जाए और अगर वे कोई प्रत्युत्तर दाखिल करना चाहते हैं, तो वे जल्द से जल्द कर सकते हैं। इसके लिए कोई रोक टोक नहीं है। जिसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 26 नवंबर के लिए स्थगित कर दी। ऑनलाइन गेमिंग के इस मामले में पेश हुए सीनियर एडवोकेट सी ए सुंदरम ने बेंच को बताया कि ऑनलाइन गेमिंग एक महीने से अधिक समय से पूरी तरह बंद है। वहीं इस सुनवाई के दौरान एक वकील ने बैंच को बताया कि इस मामले में एक नई रिट याचिका दायर की गई है, लेकिन उसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया।
वकील ने अपनी दलीलें रख न्यायधीश के समक्ष कहा, 'मैं (याचिकाकर्ता) एक शतरंज खिलाड़ी हूं और यह मेरी आजीविका का साधन है। साथ ही मैं एक ऐप भी लॉन्च करने वाला था। आगे जस्टिस जे बी पारदीवाला ने कहा, 'भारत एक अजीब देश है, आप एक खिलाड़ी हैं आप खेलना चाहते हैं और यह आपकी आय का एकमात्र स्रोत है और इसलिए आप कार्यवाही में शामिल होना चाहते हैं।
साथ ही वकील ने आगे दलीलें रख कहा कि याचिकाकर्ता कंपनियों द्वारा आयोजित ऑनलाइन टूर्नामेंट में हिस्सा लेता है साथ ही वह भागीदारी शुल्क भी देता है। पीठ ने कहा कि उनकी याचिका को भी लंबित याचिकाओं के साथ संलग्न किया जाए।