Aniruddh Singh
26 Sep 2025
नई दिल्ली। भारत जल्द ही खपत में 3 लाख करोड़ रुपये की बड़ी उछाल का गवाह बनने जा रहा है। सरकार द्वारा हाल में उठाए गए तीन बड़े कदमों जीएसटी कटौती, आयकर में राहत और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ब्याज दरों में कटौती, एक साथ मिलकर ऐसा दुर्लभ प्रभाव पैदा करने वाले हैं, जो खपत से जुड़े क्षेत्रों को सीधा लाभ पहुंचाएंगे। विश्लेषकों का कहना है कि यह ट्रिपल पॉलिसी प्रोत्साहन मल्टीप्लायर इफेक्ट पैदा करेगा, जिससे न केवल लोगों की खर्च करने की आदतें बदलेंगी बल्कि शेयर बाजार में भी नए अवसर निर्मित होंगे। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विनोद कार्की ने बताया जब जीएसटी, आयकर और लोन पर ब्याज दरों की कटौती एक साथ असर डालती है, तो मांग में स्वाभाविक वृद्धि होती है। साथ ही, सरकारी खर्च, बैंकिंग प्रणाली में अतिरिक्त तरलता और लगातार प्रगति-समर्थक नीतियों से यह प्रभाव और तेज हो जाएगा।
एचएसबीसी सिक्योरिटीज की गणनाओं के मुताबिक, केवल जीएसटी कटौती से ही 1.5 से 2 लाख करोड़ रुपए तक की उपभोक्ता बचत संभव है। आयकर राहत से लगभग 1 लाख करोड़ रुपए और जुड़ेंगे, जबकि रेपो रेट में कटौती से करीब 15,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त क्रय शक्ति बढ़ेगी। कुल मिलाकर यह 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक की खपत वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। कोविड-19 के बाद भारत में खपत की स्थिति सुस्त रही है। लेकिन अब ग्रामीण मांग में निचले स्तर से सुधर रही है और शहरी क्षेत्रों में आयकर और जीएसटी कटौती से फायदा होगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह खपत में सकारात्मक बदलाव की शुरुआत है। भारतीय उपभोक्ता अपने बटुए का लगभग 39% आवश्यक खर्च, 32% बुनियादी जरूरतों और 29% विवेकाधीन चीजों पर लगाते हैं। एलारा कैपिटल का कहना है कि अतिरिक्त खर्च का आधा हिस्सा विवेकाधीन वस्तुओं की ओर जाएगा। इससे फैशन, फूड सर्विस और एंटरटेनमेंट जैसे क्षेत्रों में लगभग 1% की अतिरिक्त वृद्धि हो सकती है।
इससे व्यक्तिगत देखभाल और शराब उद्योग को 0.5% की बढ़त मिलेगी। जबकि जरूरी सामान में केवल प्रीमियम खपत ही बढ़ेगी। रेस्टोरेंट और फास्ट-फूड चेन इस बदलाव के सबसे बड़े लाभार्थी माने जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें खपत वृद्धि और कम इनपुट कॉस्ट दोनों का फायदा होगा। नायका जैसी ऑनलाइन ब्यूटी और पर्सनल केयर कंपनियों को भी बड़ा लाभ मिल सकता है क्योंकि उनके राजस्व का बड़ा हिस्सा उन प्रोडक्ट्स से आता है जिन पर अब जीएसटी घटा दिया गया है। ऑटो और कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी सेक्टर बाजार के पसंदीदा बने हुए हैं। इसके अलावा एफएमसीजी दिग्गज कंपनियों पर भी दांव लगाया जा रहा है। एचएसबीसी ने ब्रिटानिया और नेस्ले इंडिया की रेटिंग सुधारते हुए इन्हें प्रमुख लाभार्थियों में गिना है। विशेषज्ञों का कहना है कि बिस्किट, स्नैक्स और चॉकलेट जैसी "इंस्टेंट खपत" श्रेणियों को जीएसटी कटौती से सबसे अधिक लाभ होगा।
ये भी पढ़ें: भारत ने रूस पर निर्भरता घटाने के लिए अमेरिका से ईरान और वेनेज़ुएला का तेल खरीदने की मांगी अनुमति
पिछले एक दशक से ग्रामीण आय की कमजोरी और नौकरी निर्माण की कमी के कारण एफएमसीजी क्षेत्र दबाव में था। अब यह नीति प्रोत्साहन उस ठहराव को तोड़ने का काम करेगा। ब्रोकरेज हाउस ने अपने टॉप पिक्स भी बताए हैं। एचएसबीसी की सूची में मरिको, जीसीपीएल, आईटीसी, नेस्ले, ब्रिटानिया, एचयूएल, डाबर, कोलगेट और होनासा कंज्यूमर शामिल हैं। एलारा कैपिटल फैशन, फूड सर्विस, लाइफस्टाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स को सबसे बड़ा लाभार्थी मानता है। कुल मिलाकर, 3 लाख करोड़ रुपए का यह प्रोत्साहन देश में खपत को नया मोड़ देगा। यह न सिर्फ कंपनियों और निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर है, बल्कि उपभोक्ताओं की जीवनशैली और खर्च की प्राथमिकताओं में भी बड़ा बदलाव लाने वाला साबित होगा।