Aniruddh Singh
10 Oct 2025
मुंबई। गोवा स्थित डायग्नॉस्टिक्स कंपनी मोलबायो डायग्नॉस्टिक्स ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएफपी) दाखिल किया है। कंपनी आईपीओ के माध्यम से पूंजी जुटाने की योजना बना रही है। इस प्रस्तावित आईपीओ में कंपनी 200 करोड़ रुपए के नए इक्विटी शेयर जारी करेगी और साथ ही 1.25 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के तहत बेचे जाएंगे। ओएफएस में बेचने वाले शेयरधारकों में एक्सोरा ट्रेडिंग एलएलपी, डॉ. चंद्रशेखर भास्करण नायर, अब्दुल कादिर मोहम्मद थेरुवथ और अन्य कुछ निवेशक शामिल हैं। मोलबायो डायग्नॉस्टिक्स की पहचान उसके अनोखे और पेटेंटेड ट्रूनेट पीसीआर प्लेटफॉर्म से है। यह एक पॉइंट-ऑफ-केयर (पीओसी) तकनीक है, जो सीमित संसाधनों वाले क्षेत्रों में भी तेज और सटीक टेस्टिंग संभव बनाती है। बैटरी पर चलने वाली यह मशीन केवल एक घंटे में नतीजे देती है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में विकेंद्रीकृत डायग्नॉस्टिक्स की सुविधा मिलती है। इस प्लेटफॉर्म को 100 से ज्यादा देशों में पेटेंट प्राप्त है।
कंपनी ने आईपीओ से मिलने वाली राशि का उपयोग मुख्य रूप से आरएंडडी सुविधाओं की स्थापना, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, ऑफिस इंफ्रास्ट्रक्चर, और गोवा व विशाखापट्टनम यूनिट्स के लिए नए प्लांट व मशीनरी खरीदने में करने की योजना बनाई है। यह कदम न केवल उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगा बल्कि स्वास्थ्य तकनीक में नई खोजों और इनोवेशन को भी प्रोत्साहित करेगा। साल 2000 में स्थापित मोलबायो के पास भारत में पांच निर्माण इकाइयां हैं। इनमें से दो गोवा में, एक विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) में और दो बेंगलुरु (पीन्या और माचोहल्ली) में हैं। गोवा, विशाखापट्टनम और पीन्या की इकाइयों में मोलबायो खुद डिवाइस और टेस्ट किट का निर्माण करती है, जबकि माचोहल्ली स्थित यूनिट इसकी सहायक कंपनी प्रोग्नोसिस मेडिकल सिस्टम्स द्वारा संचालित होती है। यह इकाई रेडियोलॉजी उत्पाद जैसे अल्ट्रापोर्टेबल एक्स-रे, मोबाइल डिजिटल एक्स-रे, फ्लोर-माउंटेड और सीलिंग-सस्पेंडेड एक्स-रे सिस्टम तथा सी-आर्म सिस्टम का उत्पादन करती है।
31 मार्च 2025 तक कंपनी की उत्पादन क्षमता सालाना 3,600 डिवाइस और लगभग 3.9 करोड़ ट्रूनेट टेस्ट किट्स की थी। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी ने 1,020 करोड़ रुपए का राजस्व दर्ज किया, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 22% की वृद्धि दिखाता है। इसी अवधि में कंपनी का कर पश्चात लाभ (पीएटी) 138.5 करोड़ रुपए रहा है। कंपनी के प्रमोटरों में श्रीराम नटराजन, चंद्रशेखर भास्करन नायर, संगीता श्रीराम, शिवा श्रीराम, सौम्या श्रीराम और एक्सोरा ट्रेडिंग एलएलपी शामिल हैं। इस आईपीओ के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल, आईआईएफएल कैपिटल, जेफरीज इंडिया और मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स बुक-रनिंग लीड मैनेजर के तौर पर काम करेंगे। इस तरह, मोलबायो डायग्नॉस्टिक्स का यह कदम भारत में हेल्थ-टेक सेक्टर की बढ़ती संभावनाओं को दिखाता है। कंपनी न केवल टेस्टिंग सॉल्यूशंस में इनोवेशन ला रही है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में भी योगदान दे रही है। आने वाले समय में इसका आईपीओ निवेशकों को आकर्षित करने के साथ-साथ भारतीय डायग्नॉस्टिक्स उद्योग को वैश्विक स्तर पर और अधिक मजबूत स्थिति में ला सकता है।