Mithilesh Yadav
13 Oct 2025
पीपुल्स संवाददाता
इंदौर। महू की ऐतिहासिक सैन्य नगरी एक और गौरवशाली पल की साक्षी बनने जा रही है। यहां स्थित इन्फैंट्री स्कूल में 26 और 27 अगस्त को देश का पहला संयुक्त रण-संवाद आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह भी मौजूद रहेंगे। वहीं थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी किन्ही कारणों ने कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं। उनके स्थान पर उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह का रण संवाद में अपनी बात रखेंगे।
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सीडीएस जनरल अनिल चौहान सोमवार शाम को ही महू स्थित इन्फेंट्री स्कूल पहुंच चुके हैं। देश में पहली बार तीनों सेनाओं का संयुक्त संवाद हो रहा है। इसमें तीनों सेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस संवाद में युद्ध, युद्धनीति और युद्ध पर आधुनिक तकनीक के प्रभाव जैसे विषयों पर चर्चा होगी। इसमें सेनाओं के अफसर बल्कि रक्षा उद्योग विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भी विचार साझा करेंगे। यह आयोजन अपनी तरह की एक अनूठी पहल है, जिसमें प्रत्येक विषयगत सत्र का नेतृत्व सेवारत अधिकारी करेंगे और आधुनिक युद्धक्षेत्रों से जुड़े अपने अनुभव साझा करेंगे। इसका आयोजन, सीडीएस के मार्गदर्शन में एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय और संयुक्त युद्ध अध्ययन केंद्र द्वारा सेना प्रशिक्षण कमान के साथ मिलकर किया गया है।
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रण संवाद-2025 का उद्देश्य, युद्ध से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर सैन्य समुदायों के बीच बातचीत, संपर्क और सहयोग को बढ़ाना है। अकादमिक चर्चा से आगे बढ़कर, यह सेमिनार युद्ध के विकासशील स्वरूप की एक बुनियादी समझ प्रदान करता है, जो सैनिकों के जीवंत अनुभव और पेशेवर विशेषज्ञता पर आधारित है। कार्यक्रम में तीनों सेनाओं के शीर्ष सैन्य नेतृत्व के साथ-साथ प्रसिद्ध रक्षा विशेषज्ञों, रक्षा उद्योग के प्रमुखों और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पेशेवरों के शामिल होने की उम्मीद है। सार्थक संवाद के माध्यम से, इसमें सूचना युद्ध और ग्रे जोन खतरों से लेकर एकीकृत संचालन और भविष्य की युद्ध तकनीकों के विषयों पर चर्चा की जाएगी। इस कार्यक्रम का आयोजन, भारतीय सेना कर रही है। आने वाले वर्षों में भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना भी इस आयोजन में अग्रणी भूमिका निभाएगी। रण संवाद-2025 कार्यक्रम का आयोजन देश की सुरक्षा प्राथमिकताओं पर तीनों सेनाओं की चर्चा का एक संयुक्त मंच साबित होगा।