Mithilesh Yadav
28 Sep 2025
Manisha Dhanwani
28 Sep 2025
Aniruddh Singh
28 Sep 2025
अशोक गौतम
भोपाल। अब परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर वाहनों की जांच के दौरान बेबुनियादी पैसे के लेन-देन और बदतमीजी के आरोप लगाना आसान नहीं होगा। दसअसल अब इस विभाग का जांच अमला बॉडी वार्न कैमरे से लैस होगा। इसके लिए हाइवे पर वाहनों की जांच-पड़ताल करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को बॉडी वार्न कैमरे दिए गए हैं। कैमरा लगने के बाद ही कर्मचारी, अधिकारी रोड पर खड़े होकर जांच-पड़ताल कर सकेंगे। इससे पूरी घटना, दस्तावेजों की जांच के दौरान चेक पोस्ट पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच जो भी संवाद होगा, उसकी रिकॉर्डिंग की जा सकेगी।
1.भोपाल और परिवहन मुख्यालय ग्वालियर में कंट्रोल सेंटर बनेगा।
2. सभी चेक पोस्ट और बॉडी वार्न कैमरों की रिकार्डिंग का लाइव कंट्रोल रुम के स्क्रीन पर दिखाई देगा।
3. कैमरों को इंटरनेट और जीपीएस के जरिए जोड़ा जाएगा।
4. इस व्यवस्था से परिवहन जांच दलों की लोकेशन और मूवमेंट के बारे में भी पता लगाया जा सकेगा।
5. जांच प्रक्रिया अधिकारी भी अपने मोबाइल पर लाइव देख सकेंगे।
कंट्रोल रूम में सभी जांच चौकियों और जांच दलों की गतिविधियां कैमरे में रिकॉर्ड होंगी, उन्हें सुरक्षित रखा जाएगा। परिवहन विभाग ट्रायल के रूप में पिछले दो माह से बॉडी वार्न कैमरे का उपयोग कर रहा है। इसके परिणाम सकारात्मक आए है। इसके चलते सरकार इस सेवा को अब सभी जिलों और अस्थाई जांच चौकियों में अनिवार्य करने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस सेवा को लागू और स्थाई करने मंगलवार को हरी झंडी दिखाएंगे।
वाहनों के परमिट, नवीनीकरण, सहित परिवहन विभाग की अन्य सभी आनलाइन सेवाएं फेसलेस की जाएगी। लर्निंग लाइसेंस सहित कुछ सेवाएं आॅटो एप्रूवल होंगी। इस मामले में मप्र देश में दूसरे नंबर पर आ गया है। सिर्फ हिमाचल प्रदेश मप्र से एक सेवाएं (हिल एरिया ड्राइविंग लाइसेंस) ज्यादा दे रहा है। यहां अब कोई भी ऐसी सेवाएं परिवहन विभाग की नहीं होंगी, जिसके लिए लोगों को परिवहन कार्यालय में जाना पड़े। इसके लिए परिवहन विभाग ने एक इंटिग्रेटेड पोर्टल तैयार किया है, जिसके जरिए यह सेवाएं लोगों का उपलब्ध कराई जाएंगी। परिवहन विभाग का मानना यह है कि परिवहन कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने से लोग एजेंटों और विभाग के कर्मचारियों का सहारा नहीं लेंगे। इससे काफी हद तक विभाग की अनियमितताएं भी खत्म होंगी।
मप्र के परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का इस बारे में कहना है कि ‘अस्थाई चेक पोस्ट पर जांच करने वाले दलों को बॉडी वार्न कैमरे उपलब्ध कराए गए हैं। इनसे वहानों की जांच के वक्त जो भी घटनाक्रम हो अथवा जांच दल और ड्राइवर या मोटर मालिक के बीच संवाद हो उसे देखा और सुना जा सके। इसके अलावा प्रदेश में 51 सेवाएं फेसलेस की जा रही हैं।’