Naresh Bhagoria
7 Dec 2025
Manisha Dhanwani
6 Dec 2025
इजराइल और सीरिया के बीच बढ़ते तनाव ने एक नया मोड़ ले लिया है। बुधवार को इजराइल की सेना आईडीएफ (Israeli Defense Forces) ने सीरिया की राजधानी दमिश्क स्थित रक्षा मंत्रालय के मुख्य परिसर के प्रवेश द्वार पर ड्रोन हमला किया। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, इस हमले में मंत्रालय की इमारत को भारी नुकसान पहुंचा है और अफसर बेसमेंट में छिपकर अपनी जान बचाने को मजबूर हुए हैं।
इजराइल का कहना है कि वह सीरिया में ड्रूज समुदाय को बचाने के लिए ये सैन्य कार्रवाई कर रहा है। स्वैदा शहर में हाल ही में ड्रूज लड़ाकों और सीरियाई सरकार समर्थित सुरक्षा बलों के बीच टकराव शुरू हुआ था। इसी हिंसा के चलते इजराइल ने हस्तक्षेप करते हुए सीरियाई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
इजरायली सेना ने बताया कि उसने दमिश्क में सीरियाई शासन के सैन्य मुख्यालय के प्रवेश द्वार को निशाना बनाया। सोमवार से जारी इन हमलों में अब तक कई सैन्य ठिकानों को क्षतिग्रस्त किया जा चुका है। सरकारी चैनल इलेखबरिया के अनुसार, इस हमले में दो नागरिक भी घायल हुए हैं।
ड्रूज समुदाय एक अल्पसंख्यक धार्मिक समूह है जिसकी उत्पत्ति 11वीं सदी में मिस्र में हुई थी। ये ना पूरी तरह मुस्लिम माने जाते हैं, ना यहूदी। इस समुदाय की धार्मिक मान्यताएं हिंदू, बौद्ध और इस्लामिक तीनों से मिलकर बनी हुई हैं। सीरिया में लगभग 7 लाख ड्रूज रहते हैं, जिनमें अधिकांश स्वैदा शहर में बसे हैं। इजराइल में भी करीब 1.5 लाख ड्रूज लोग हैं, जिनमें से कई इजरायली सेना में सेवा दे रहे हैं।
सीरिया की सरकारी मीडिया ने बताया कि स्वैदा और उसके आसपास के गांवों में तोपखाने और मोर्टार से भारी गोलाबारी की गई। संघर्षविराम की बार-बार अनदेखी की जा रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो सीरिया और इजराइल के बीच यह टकराव एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष का रूप ले सकता है।