Priyanshi Soni
5 Nov 2025
तेहरान/तेल अवीव। इजराइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष अब 11वें दिन में पहुंच चुका है। लेकिन अब इस जंग में अमेरिका की सीधी दखल से हालात और भी विस्फोटक हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर युद्ध में अमेरिका की सीधी एंट्री करवा दी है। वहीं इजराइल ने भी ईरान के अंदर कई अहम ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर दी है।
रविवार देर रात इजराइली एयरफोर्स ने ईरान के शाहरुद इलाके में बैलिस्टिक मिसाइल के इंजन बनाने वाली फैक्ट्री पर बमबारी की। इस हमले में मशीनें और उपकरण तबाह हो गए। इसके अलावा तेहरान, केरमांशाह और हमादान में भी बमबारी हुई। इजराइली वायुसेना ने 20 लड़ाकू विमानों के ज़रिए 30 से ज्यादा बम गिराए।
अमेरिका ने ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर हमला किया। 22 साल बाद अमेरिका किसी युद्ध में सीधे तौर पर कूदा है। इस ऑपरेशन में 7 B-2 बॉम्बर्स ने हिस्सा लिया और 13,608 किलो वजनी बंकर बस्टर बम गिराए। इस हमले को ‘मिडनाइट हैमर’ नाम दिया गया।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि अगर मौजूदा ईरानी सरकार ‘ईरान को फिर से महान’ नहीं बना सकती, तो फिर शासन परिवर्तन क्यों नहीं? उन्होंने नया नारा दिया – Make Iran Great Again (MIGA)।
ईरान ने इजराइल पर मिसाइलों की बौछार की। IDF के मुताबिक, कई मिसाइलों को डिफेंस सिस्टम ने इंटरसेप्ट कर लिया, लेकिन हमलों में अब तक 950 लोगों की मौत हो चुकी है और 3,450 से ज्यादा घायल हुए हैं। राजधानी तेहरान और तेल अवीव समेत कई शहरों में सायरन बजाए गए और लोगों को शेल्टर में जाने की चेतावनी दी गई।
फ्रांस ने अपने 2.5 लाख नागरिकों को इजराइल से निकालने के लिए मिलिट्री विमान भेजे हैं। अमेरिका ने भी दुनियाभर में रह रहे अपने नागरिकों के लिए ‘वर्ल्डवाइड अलर्ट’ जारी किया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि दुनियाभर में अमेरिकी नागरिकों और संस्थानों पर हमलों की आशंका है।
चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि हालात बेहद गंभीर हैं और सभी पक्ष संयम बरतें। वहीं रूस ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अब कई देश ईरान को न्यूक्लियर वॉरहेड देने को तैयार हैं। रूस के पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव ने कहा कि अमेरिकी हमलों से ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षा और मजबूत होगी।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि इजराइल ने बहुत बड़ी गलती की है और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ईरान की सेना जवाबी हमले के समय और तरीका खुद तय करेगी।
ट्रंप के ईरान पर हमले के फैसले का अमेरिका के अंदर ही विरोध शुरू हो गया है। डेमोक्रेट नेता रो खन्ना ने हमले की निंदा की है। वहीं रिपब्लिकन पार्टी के अंदर भी फूट की खबरें हैं। विरोधियों का कहना है कि ट्रंप ने संसद को दरकिनार कर अमेरिकी सेना को खतरे में डाल दिया है।
नेतन्याहू ने कहा कि गाजा में जंग कल खत्म हो सकती है, बशर्ते हमास हथियार डाल दे और बंधकों को छोड़ दे। उन्होंने कहा कि उनके पास गाजा के लिए स्थायी शांति का प्लान है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुस्लिम दुनिया की चुप्पी निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि अगर आज ईरान को चुपचाप तबाह होने दिया गया, तो कल किसी और की बारी आएगी।