Aniruddh Singh
5 Oct 2025
मुंबई। भारतीय शेयर बाजार सोमवार से शुरू हो रहे अगले हफ्ते, एक बार फिर बड़े पैमाने पर पूंजी संग्रह का गवाह, बनने जा रहा है। एलजी, टाटा कैपिटल और कई अन्य कंपनियां मिलकर इस हफ्ते आईपीओ के जरिए लगभग 28,500 करोड़ रुपए जुटाने का प्र्यास करेंगी। यह कदम भारतीय शेयर बाजार में निवेश की नई लहर को जन्म दे सकता है और खुदरा निवेशकों से लेकर बड़े संस्थागत निवेशकों तक की दिलचस्पी को बढ़ा सकता है। आईपीओ यानी किसी कंपनी द्वारा पहली बार जनता को अपने शेयर बेचने की प्रक्रिया। यह कदम कंपनियों के लिए पूंजी जुटाने का एक अहम माध्यम होता है, ताकि वे अपने विस्तार, कर्ज भुगतान या नए प्रोजेक्ट्स को वित्तीय आधार दे सकें। आगामी सप्ताह में जिन कंपनियों के आईपीओ आने वाले हैं, उनमें प्रमुख नाम एलजी इलेक्ट्रानिक्स इंडिया, टाटा कैपिटल, और कुछ अन्य वित्तीय एवं विनिर्माण कंपनियां शामिल हैं।
जानकारों के अनुसार, निवेशकों के लिए यह सप्ताह काफी अहम रहेगा, क्योंकि इतने बड़े स्तर पर आईपीओ की बाढ़ लंबे समय बाद देखने को मिल रही है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि टाटा कैपिटल का आईपीओ विशेष ध्यान आकर्षित करेगा, क्योंकि यह समूह लंबे समय बाद किसी प्रमुख वित्तीय इकाई को पब्लिक मार्केट में ला रहा है। टाटा समूह की विश्वसनीयता और स्थिरता के कारण निवेशक इस पेशकश में विशेष रुचि दिखा सकते हैं। वहीं एलजी की भारतीय शाखा का पब्लिक इश्यू भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में एक बड़ा नाम है और इसकी मजबूत ब्रांड पहचान निवेशकों के विश्वास को और बढ़ाएगी। इन आईपीओ के जरिए कंपनियां अपने विस्तार के लिए फंड जुटाना चाहती हैं।
टाटा कैपिटल का उद्देश्य अपने वित्तीय सेवाओं के नेटवर्क को और मजबूत करना है, जबकि एलजी अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता और नए तकनीकी उत्पादों में निवेश बढ़ाना चाहती है। इसके अलावा कुछ मिड-कैप कंपनियां भी अगले सप्ताह अपने आईपीओ लेकर आ रही हैं, जिनका लक्ष्य पूंजी बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना और नए निवेशकों को आकर्षित करना है। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के बड़े आईपीओ आने से शेयर बाजार में तरलता बढ़ेगी और निवेशकों को विविध विकल्प मिलेंगे। हालांकि विशेषज्ञ यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि निवेशकों को हर आईपीओ में अंधाधुंध निवेश करने से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति, मुनाफे, ऋण स्तर और भविष्य की संभावनाओं का गहन विश्लेषण करना चाहिए।
हाल ही में भारतीय पूंजी बाजार में आईपीओ की गतिविधियां तेज हुई हैं, खासकर मिड- और लार्ज-कैप कंपनियों के बीच। यह ट्रेंड इस बात का संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है और कंपनियां निवेशकों से सीधे पूंजी जुटाने के अवसर का लाभ उठाना चाहती हैं। कुल मिलाकर, अगले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में लगभग ₹28,500 करोड़ रुपये के आईपीओ आने से निवेश माहौल बेहद सक्रिय रहेगा। यह न केवल कंपनियों के लिए एक नया पूंजी स्रोत बनेगा, बल्कि निवेशकों को भी नए अवसर प्रदान करेगा। अगर बाजार की मौजूदा स्थिति स्थिर बनी रहती है, तो इन आईपीओ के जरिये निवेशकों को अच्छे रिटर्न मिलने की संभावना है, जिससे पूंजी बाजार की गति और भी तेज़ हो सकती है।