Mithilesh Yadav
29 Oct 2025
सॉफ्ट ड्रिंक्स की मार्केट में भरमार है, जितना हम बाजार के इन पेय पदार्थों को पीते हैं, उतना ही प्रिजर्वेटिव अपने शरीर में डालते हैं। मार्केट में दस रुपए तक में बच्चों को आकर्षित करते ड्रिंक्स और कोल्ड ड्रिंक मिल रहे हैं, जिनकी तरावट किसी काम की नहीं होती, बल्कि उल्टा इनसे मुंह में ड्रायनेस लगती है, यह कहना है, न्यूट्रिशनिस्ट्स का। उनका कहना है कि इससे बेहतर ऑर्गेनिक शरबत हैं जो कि पान के पत्तों, केसर, चंदन, सौंफ, मुलेठी, काली मिर्च, मगज के बीज और अन्य सीड्स से तैयार होते हैं। इन्हीं में से एक नन्नारी शरबत।
यह शरबत खासतौर पर तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश में पिया जाता है। वहीं आयुर्वेदिक शरबतों में अब लोग गोवा व महाराष्ट्र के कोकम शरबत को भी पसंद कर रहे हैं। पुदीने के शरबत में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं। वहीं बादाम-केसर ड्राय फ्रूट शरबत, चंदन का शरबत, नींबू-पुदीना शरबत, गुलाब शरबत, जीरा शरबत भी ऑनलाइन व स्टोर्स पर उपलब्ध हैं।
गर्मियों के मौसम में अच्छे ब्रांड्स के शरबत पी सकते हैं, क्योंकि अब यह शुगर फ्री भी आते हैं। इसके अलावा इनमें नो एडेड शुगर और नो एडेड फ्लेवर हैं, इसलिए इनकी शेल्फ लाइफ भी कम होती है। शरबतों के फायदों की बात करें तो सौंफ का शरबत पेट को ठंडा रखता है और इसमें फाइबर होने से पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। सौंफ के शरबत का सीरप चाहे तो घर पर भी बनाकर रख सकते हैं। वहीं, पुदीने के शरबत में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं। यह पेट में होने वाली जलन से राहत दिलाता है।
नन्नारी नेचुरल कूलेंट हैं और इसका शरबत शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। ब्लड प्यूरीफिकेशन और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है। यह यूरिन इंफेक्शन व एसिडिटी से भी राहत देता है। इसे तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश में पिया जाता है। वहीं कोकम के शरबत का स्वाद क्रैनबेरी जैसा लगता है और यह बैंगनी रंग का फल होता है। इसमें कूलिंग प्रॉपर्टीज व एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। इस फल के पल्प से शरबत को तैयार किया जाता है। इसे गोवा व महाराष्ट्र में पिया जाता है। - निधि पांडे, न्यूट्रिशनिस्ट
जिन लोगों को हाथ-पैरों में जलन व स्किन में रैशेस होने लगे हैं, उनमें पित्त के ज्यादा बढ़ जाता है, ऐसी स्थिति में पान का शरबत पिया जाता है। इसमें विटामिनसी और एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जो कि विषाक्त पदार्थों को हटाकर पेट के पीएच स्तर को बैलेंस व एसिडिटी को भी नियंत्रित करते हैं। बेल के शरबत में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टीज होती है। इसे सुबह खाली पेट पीने से एसिडिटी और अपच से छुटकारा मिलता है। डायबिटीज रोगियों के लिए इसे फायदेमंद कहा जाता है लेकिन चिकित्सकीय परामर्श से ही इसे लें। वहीं नन्नारी का शरबत भी ठंडक पहुंंचाता है, यह एक जड़ के निचोड़ से तैयार होता है जिसे सुगंधी भी कहते हैं। वहीं गर्मियों में सत्तू का शरबत भी घर में बनाकर पी सकते हैं। -डॉ. अलका दुबे, न्यूट्रिशनिस्ट