Aniruddh Singh
23 Oct 2025
Aniruddh Singh
23 Oct 2025
Aniruddh Singh
23 Oct 2025
जैक्शन होल (वायोमिंग स्टेट)। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने वार्षिक सम्मेलन में कहा अगर महंगाई और बेरोजगारी काबू में नहीं आती तो वह सितंबर में ब्याज दर में कटौती के लिए तैयार हैं। पॉवेल ने अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए फेड अपनी नीति में बदलाव के लिए तैयार है। पॉवेल ने जैसे ही यह बात कही, वैसे ही दुनिया भर के निवेशक उत्साह से भर उठे। निवेशोकों ने जोरोम पावेल के इस बयान को ब्याज दर में कटौती का स्पष्ट संकेत मान लिया और इसके बाद गिफ्ट निफ्टी समेत दुनिया भर के शेयर बाजार तेजी में कारोबार करते दिखाई देने लगे। अपने संबोधन में जेरोम पॉवेल ने अमेरिकी लेबर मार्केट की स्थिति पर चिंता जताई।
उन्होंने कहा मांग और आपूर्ति का संतुलन बना हुआ है, लेकिन यह संतुलन असामान्य है, क्योंकि इसमें कामगारों की मांग और आपूर्ति दोनों घट रही है। इसका अर्थ है कि रोजगार पर नकारात्मक दबाव बढ़ सकता है। अचानक बड़े पैमाने पर छंटनी और बेरोजगारी बढ़ने का खतरा मौजूद है। निवेशकों ने पावेल के इस बयान को इस रूप में लिया कि फेड अब मुद्रास्फीति और रोजगार के बीच संतुलन बनाने के लिए अगले दिनों में अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने जा रहा है।
पॉवेल ने महंगाई और बेरोजगारी को दो ऐसी चीजें माना है, जिन पर गौर करने की जरूरत है। बाजार विशेषज्ञ उनके इस बयान को सावधानीभरा संदेश मान रहे हैं। प्रमुख निवेशक जॉन एल्बनीज ने कहा जुलाई में दिए गए उनके बयान की तुलना में इस बार का रुख नरम जरूर है, लेकिन इसे बहुत आक्रामक नहीं माना जा सकता। यह भाषण ऐसे समय में आया है जब अमेरिका में 2025 की पहली संभावित दर कटौती पर विचार चल रहा है। पिछले एक साल से फेड ने ब्याज दरों को लगभग 4.25% से 4.5% की सीमा में स्थिर रखा है, जो बीते दो दशकों का उच्च स्तर है।
इसका मकसद महामारी के बाद की महंगाई और हाल के टैरिफ के असर को परखना था। राजनीति के मोर्चे पर भी फेड पर भारी दबाव है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दरों में कटौती की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और सरकार के कर्ज पर ब्याज का बोझ घटेगा। हाल ही में उन्होंने फेड गवर्नर लिसा कुक के इस्तीफे तक की मांग कर दी, जिससे दबाव और बढ़ गया। हालांकि, फेड अब तक राजनीतिक हस्तक्षेप से दूर रहते हुए अपनी नीति स्वतंत्र रूप से तय कर रहा है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने जैक्सन होल सम्मेलन में अपने भाषण में जैसे ही यह संकेत दिया कि फेड अगले दिनों में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। उनके इस बयान का असर तुरंत ही शेयर बाजार पर दिखाई दिया और निवेशकों का भरोसा मजबूत हो गया। इसके बाद डॉउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 800 अंकों की जबरदस्त छलांग देखने को मिली और यह 2 फीसदी से अधिक बढ़कर 45,700 अंक के करीब बंद हुआ। इसी तरह टेक्नोलॉजी शेयरों से भरे नैस्डैक में भी 2% की तेजी देखने को मिली और यह 21,400 के ऊपर पहुंच गया। वहीं, एसएंडपी 500 भी लगभग 1.5% बढ़त के साथ 6,466 अंक के स्तर पर बंद हुआ। यह इस बात का संकेत है कि बाजार ने पॉवेल के बयान को बहुत सकारात्मक तरीके से लिया है।
फेड चेयर पॉवेल के ब्याज दरों में कटौती के संकेत का असर सिर्फ अमेरिका के साथ यूरोपीय शेयर बाजारों में भी दिखाई दिया। निवेशकों को उम्मीद है कि यदि दरों में कटौती जल्द शुरू होती है तो आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और पूंजी प्रवाह शेयर बाजारों की ओर आकर्षित होगा। खबर आते ही ब्रिटेन का एफटीएसई इंडेक्स 17 अंकों की बढ़त के साथ 9,326.50 पर पहुंच गया। हालांकि यह बढ़त काफी सीमित है, लेकिन बाजार सेंटीमेंट बहुत बुलिश यानी निवेशकों के दृष्टिकोण से बेहद सकारात्मक बना हुआ है। फ्रांस का सीएसी 40 इंडेक्स ने 41 अंकों की वृद्धि दर्ज की और 7,980 पर बंद हुआ। जर्मनी का प्रमुख डीएएक्स इंडेक्स भी 87 अंकों की बढ़त के साथ 24,381 तक जा पहुंचा। डीएएक्स यूरोप का सबसे बड़ा और अहम इंडेक्स माना जाता है और इसकी बढ़त पूरे यूरोपीय क्षेत्र के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का संकेत देती है।
एशियाई शेयर बाजारों में भी सकारात्मक रुझान देखने को मिला। निवेशकों ने पॉवेल के भाषण को बहुत उत्साहजनक माना और इसका असर सीधे एशियाई इंडेक्सों के प्रदर्शन पर पड़ा। भारत का गिफ्ट निफ्टी 93 अंकों की तेजी के साथ 24,972 पर बंद हुआष जापान का निक्केई 225 मामूली रूप से बढ़कर 0.05% चढ़कर 42,633 पर जा पहुंचा। वहीं, सिंगापुर का स्ट्रेट्स टाइम्स 0.52% बढ़कर 4,253 पर बंद हुआ। हांगकांग का हैंग सेंग 0.93% की मजबूती के साथ 25,339 तक पहुंच गया। ताइवान का ताइवान वेटेड हालांकि 0.83% गिरकर 23,764 पर आ गया, लेकिन इसे बुलिश माना जा रहा है, क्योंकि निवेशकों का दृष्टिकोण अब भी सकारात्मक है। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.85% चढ़ा और 3,168 पर पहुंच गया, जबकि थाईलैंड का एसईटी कॉम्पोजिÞट भी 0.69% बढ़कर 1,253 पर रहा। इंडोनेशिया का जकार्ता कॉम्पोजिÞट 0.41% फिसलकर 7,858 पर आ गया, हालांकि इसका दीर्घकालिक रुझान अभी भी बहुत बुलिश दिख रहा है। चीन का शंघाई कॉम्पोजिÞट 1.43% की मजबूत बढ़त के साथ 3,825 पर पहुंचा।