Shivani Gupta
23 Oct 2025
वॉशिंगटन डीसी। भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चल रही व्यापारिक वार्ता अब आखिरी चरण में पहुंच चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जल्द ही दोनों देशों के बीच समझौता हो सकता है। जिससे भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ को घटाकर 15-16% तक किया जा सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, डील में एनर्जी और एग्रीकल्चर सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। भारत संभावित रूप से रूसी कच्चे तेल की खरीद में कमी ला सकता है और अमेरिका के नॉन-जीएम मक्का व सोयामील के लिए अपने बाजार को खोल सकता है। भारत का मानना है कि, घरेलू पोल्ट्री, डेयरी और एथेनॉल उद्योग में अमेरिकी उत्पाद आसानी से खप जाएंगे और किसानों के हित प्रभावित नहीं होंगे।
50% टैरिफ घटने से भारत के कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और दवा निर्यात में अमेरिकी बाजार में कॉम्पिटिशन बढ़ेगा। यह अनुमान लगाया गया है कि, टैरिफ में कमी से भारतीय निर्यातकों को लगभग 85 हजार करोड़ रुपए का फायदा हो सकता है।
अमेरिकी पक्ष चाहता है कि, भारत प्रीमियम पनीर और कुछ अन्य कृषि उत्पादों को अमेरिकी बाजार में प्रवेश दे। लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि, नॉन जीएम मक्का पर वर्तमान 15% टैक्स में कोई बदलाव नहीं होगा। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल के अनुसार, भारत घरेलू हितों से समझौता नहीं करेगा, लेकिन अमेरिका को व्यापारिक पार्टनर के रूप में महत्व देता है।
हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई। इस दौरान व्यापार और ऊर्जा सहयोग पर चर्चा की गई। मोदी ने ट्विटर (एक्स) पर ट्रंप को दिवाली की शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद दिया। हालांकि, दोनों नेताओं ने व्यापार समझौते के विवरण साझा नहीं किए, लेकिन संकेत मिले कि डील के अंतिम रूप से पहले संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
वर्तमान में भारत और अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार 191 अरब डॉलर है। डील के साथ यह लक्ष्य 2030 तक 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने की कोशिश है। अप्रैल-जुलाई 2025 में भारत का अमेरिका को निर्यात 21.64% बढ़कर 33.53 अरब डॉलर और आयात 12.33% बढ़कर 17.41 अरब डॉलर हो गया।