Naresh Bhagoria
16 Nov 2025
इंदौर। आईआईटी इंदौर के वैज्ञानिकों ने इसरो के सहयोग से ऐसा उन्नत ऑप्टिकल फाइबर सेंसर विकसित किया है, जो अत्यंत कम तापमान—यहां तक कि माइनस 270 डिग्री सेल्सियस—पर भी सटीक रूप से काम कर सकता है। यह तकनीक अंतरिक्ष मिशनों में उपयोग होने वाले क्रायोजेनिक सिस्टम की निगरानी को और सुरक्षित व प्रभावी बनाएगी। परियोजना इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के साथ रिस्पॉन्ड कार्यक्रम के तहत पूरी हुई है और इससे जुड़े तीन संयुक्त पेटेंट प्रक्रिया में हैं।

सामान्य सेंसर बेहद कम तापमान पर काम नहीं कर पाते, जबकि ऑप्टिकल फाइबर सेंसर हल्के और सुरक्षित होते हैं। लेकिन क्रायोजेनिक स्तर पर इनकी संवेदनशीलता घट जाती है। इसे दूर करने के लिए शोध दल ने ऑप्टिकल फाइबर पर शेप मेमोरी एलॉय (SMA) की विशेष कोटिंग तैयार की, जिससे फाइबर में तापमान अनुसार होने वाले बदलाव अधिक स्पष्ट रूप से दर्ज होने लगे और सेंसर की संवेदनशीलता कई गुना बढ़ गई। नया सेंसर में –270°C तक भरोसेमंद तरीके से काम करने की क्षमता है। पारंपरिक टेलीकॉम फाइबर की तुलना में कहीं अधिक संवेदनशील है। मौजूदा मेटल-कोटेड सेंसर से बेहतर प्रदर्शन करता है।
यह सेंसर –180°C तक के वातावरण में एलएनजी पाइपलाइन मॉनिटरिंग, क्रायोजेनिक ईंधन टैंकों में तापमान व द्रव्य-स्तर माप, रॉकेटों के तापीय स्वास्थ्य की निगरानी, तथा रिसाव का पता लगाने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में बड़ी भूमिका निभा सकता है। आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी कहते हैं कि यह नवाचार भारत की रणनीतिक तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करेगा और राष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशनों को सीधा समर्थन देगा। परियोजना का नेतृत्व करने वाले प्रो. पलानी ने बताया कि क्रायोजेनिक ईंधन टैंकों में तापमान की सटीक निगरानी एक बड़ी चुनौती रही है और नया सेंसर इसका प्रभावी समाधान प्रदान करता है।