Naresh Bhagoria
16 Nov 2025
नई दिल्ली। लाल किला के सामने 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता मिली है। एजेंसी ने हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल आमिर राशिद अली को रविवार को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। जांच में यह भी सामने आया है कि धमाके में इस्तेमाल की गई i20 कार आमिर के नाम पर ही रजिस्टर्ड थी। यह कार IED लगाकर उड़ाई गई थी, जिसमें 13 लोगों की मौत और 25 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

जांच में सामने आया है कि आमिर राशिद जम्मू-कश्मीर के संबूरा, पंपोर का निवासी है और उसने इस साजिश को आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के साथ मिलकर अंजाम दिया।
NIA के अनुसार, डॉक्टरों और पढ़े-लिखे युवाओं का यह "व्हाइट-कॉलर मॉड्यूल" पिछले साल से एक सुसाइड बॉम्बर की तलाश में था, और इसकी जिम्मेदारी उमर के पास थी।
NIA ने बताया कि आमिर कुछ दिन पहले ही दिल्ली पहुंचा था। उसका काम हमले में इस्तेमाल की जाने वाली कार खरीदना और आत्मघाती हमलावर को लॉजिस्टिक सहायता देना था। कार की रजिस्ट्रेशन डीटेल्स और डिजिटल सबूतों ने आमिर की भूमिका को स्पष्ट कर दिया। पहले उसे 11 नवंबर को हिरासत में लिया गया था, लेकिन भूमिका स्थापित होने के बाद रविवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया।
एजेंसी ने उमर से जुड़ी एक और कार जब्त की है, जिसमें से प्राप्त डिजिटल डिवाइसेज़ और दस्तावेजों से संकेत मिलता है कि यह हमला किसी गहरी और संगठित आतंकी साजिश का हिस्सा था। जांच में अंतरराज्यीय नेटवर्क और विदेशी कनेक्शन भी सामने आए हैं।
NIA इस केस की मल्टी-लेयर जांच कर रही है। अब तक 73 गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है। इसमें घायलों के बयान भी दर्ज किए हैं। कई देशों तक फैले एंगल की जांच की जा रही है। वहीं दिल्ली पुलिस, J&K पुलिस, हरियाणा और यूपी पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी कर रही है। जांच टीम बड़े मॉड्यूल का पर्दाफाश करने और हमले के मास्टरमाइंड की तलाश में कई राज्यों में छापेमारी कर रही है।
लाल किला के सामने 10 नवंबर की शाम एक i20 कार में जोरदार ब्लास्ट हुआ था। इसमें 13 लोगों की मौत हुई थी। सरकार ने इसे आतंकी हमला बताया था, जिसके बाद जांच NIA को सौंप दी गई थी।