Mithilesh Yadav
21 Nov 2025
देशभर में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता लगातार बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने इसे प्राथमिकता दी है और उच्च शिक्षा विभाग ने इस दिशा में ठोस और व्यापक कदम उठाने की शुरुआत कर दी है। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल टास्क फोर्स (NTF) के निर्देशों के बाद प्रदेश में स्टेट टास्क फोर्स (STF) का गठन कर उसे सक्रिय कर दिया गया है। STF अब पूरे राज्य में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और कोचिंग संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी उपायों की निगरानी और सुधार की रूपरेखा तैयार कर रही है। NTF द्वारा आयुक्त उच्च शिक्षा प्रबल सिपाहा को राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार यह पहल केवल औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित, सहयोगी और दबावमुक्त शैक्षणिक माहौल तैयार करने की दिशा में सबसे बड़ा प्रशासनिक प्रयास है।
NTF के निर्देशों के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य सुधार के लिए स्टेट टास्क फोर्स (STF) का गठन किया है। यह टास्क फोर्स मानसिक स्वास्थ्य, परामर्श सेवाओं और रोकथाम उपायों के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश और योजना बनाएगा। STF के अध्यक्ष आयुक्त, उच्च शिक्षा प्रबल सिपाहा हैं, और ओएसडी डॉ. उषा के. नायर सदस्य सचिव हैं। इसमें विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि शामिल हैं, जो विद्यार्थियों की चुनौतियों को व्यापक दृष्टिकोण से देखेंगे।
STF राज्य में मानसिक स्वास्थ्य और परामर्श सेवाओं की निगरानी करेगा, NTF के निर्देशों का मूल्यांकन करेगा और कॉलेज व कोचिंग परिसरों का मानसिक स्वास्थ्य ऑडिट करेगा। यह हेल्पलाइन, काउंसलिंग और मनोसामाजिक समर्थन को मजबूत करेगा, जिला स्तरीय DTF को दिशा देगा, रिपोर्ट की समीक्षा करेगा और राज्य सरकार को नियमित सिफारिशें देगा।
सभी सुधारों का प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य स्तर के प्रयासों को जिलों तक पहुँचाने के लिए प्रत्येक जिले में DTF का गठन अनिवार्य किया गया है। DTF की अध्यक्षता जिला कलेक्टर करेंगे, जबकि प्राचार्य, जिला शिक्षा अधिकारी और तकनीकी, चिकित्सा तथा स्वास्थ्य विभागों के प्रतिनिधि सदस्य होंगे।
DTF को कोचिंग संस्थानों के पंजीयन की निगरानी, परामर्श सेवाओं की उपलब्धता, STF–NTF निर्देशों का पालन और शैक्षणिक परिसरों की सुरक्षा पर निगरानी रखनी होगी। बिना पंजीयन कोई भी कोचिंग संस्था संचालित नहीं हो सकेगी।
देशभर में मानसिक तनाव और परीक्षा दबाव बढ़ रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग का मानना है कि समस्या केवल शैक्षणिक नहीं, बल्कि संस्थागत संरचना से जुड़ी है। STF और DTF का गठन विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित, सहयोगी और दबावमुक्त शैक्षणिक माहौल बनाने का प्रयास है।