चंडीगढ़। नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। शपथ से पहले उन्होंने मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पैर छुए। मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद विधायक दल की बैठक में सैनी को नेता चुना गया था। भाजपा हाईकमान ने हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपना CM बदल दिया है। जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन तोड़ते हुए मनोहर लाल खट्टर ने अपनी पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा दे दिया था।
OBC से आने वाले नायब सिंह सैनी फिलहाल कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से पार्टी के सांसद हैं। बिना विधायक बने सैनी 6 महीने तक CM रह सकते हैं। इसी अवधि में मौजूदा विधानसभा का टर्म पूरा हो जाएगा तो ऐसे में यह संभव है कि नायब सिंह सैनी बिना विधायक बने ही अपनी सरकार का कार्यकाल पूरा करेंगे।
हरियाणा में OBC को साधने की प्लानिंग
जाटलैंड के रूप में पहचाने जाने वाले हरियाणा में 22.2% जाट वोटरों के बाद दूसरे नंबर पर OBC वोट बैंक है। प्रदेश की कुल आबादी में OBC 21% हैं। ऐसे में OBC फैक्टर चुनाव में अहम रोल निभाता है। हरियाणा में BJP हमेशा से नॉन जाट की राजनीति करती आई है और सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने ओबीसी बोट बैंक को साधने की प्लानिंग की है। इससे पहले खट्टर भी नॉन जाट नेता थे, जिन्हें पहली बार विधायक बनते ही सीधे सीएम बना दिया गया था। उन्हें पार्टी ने लगातार दो टर्म तक सीएम बनाया, हालांकि ये अलग बात है कि अपना दूसरा कार्यकाल पूरा होने से थोड़े दिन पहले ही वे भाजपा की फेरबदल की राजनीति की भेंट चढ़ गए।
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सैनी का "नायब" से "सदर" बनने का सफर
नायब सिंह सैनी 25 जनवरी 1970 को अंबाला के गांव मिर्जापुर माजरा में जन्मे थे। उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बीआर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से LLB की डिग्री ली। इसके बाद राजनीति में उतरे। सैनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े। नायब सिंह को मुख्यमंत्री मनोहर लाल का करीबी माना जाता है और सरकार में सीएम बनने से पहले उनका रूतबा नायब (डिप्टी) सीएम जैसा था। उन्होंने अपना राजनीतिक सफर बीजेपी के साथ 1996 से बतौर युवा कार्यकर्ता के तौर पर शुरू किया। 2002 में वे युवा मोर्चा भारतीय जनता पार्टी (BJP) अंबाला से जिला महामंत्री बने। 2005 में युवा मोर्चा भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष का पद भी संभाला। 2009 में उन्हें बीजेपी के किसान मोर्चा में प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी मिली। 2012 में वह जिलाध्यक्ष बने और 2014 में नायब नारायण गढ़ विधानसभा से विधायक बने। 2016 में वे हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री रहे।
मंत्री और सांसद भी रहे
2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से उतारा। नायब सैनी यहां से जीतकर पहली बार सांसद बने। पार्टी ने जाट समुदाय से आने वाले ओमप्रकाश धनखड़ को हटाकर 27 अक्टूबर 2023 को नायब सैनी को हरियाणा BJP का अध्यक्ष बनाया था। और प्रदेश अध्यक्ष बनने के पांच महीने बाद उन्होंने सीधे सीएम पद की शपथ ले ली। अपने 28 साल के राजनीतिक करियर में नायब अब एक ऐसी मिसाल बन गए हैं जिसने सिय़ासी सफलता के नए प्रतिमान गढ़े हैं। वे अब बीजेपी के उन मुख्यमंत्रियों की जमात का हिस्सा बन गए हैं जो पार्टी द्वारा कई गुना ज्यादा अनुभवी नेताओं को दरकिनार करने के बाद अपने सूबे के सदर बने हैं।
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