Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
मनीष दीक्षित,भोपाल। प्रदेश सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पिछले कई महीनों से जमीन के मामलों को लेकर सुर्खियों में हैं। अभी चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी का मामला शांत भी नहीं हुआ है कि लोकायुक्त ने राजपूत के बड़े भाई हीरा सिंह राजपूत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। मजे की बात यह है कि राजपूत के भाई के खिलाफ जो शिकायत है, उसमें भी मामला जमीनों से संबंधित ही है। राजपूत परिवार पर सरकारी जमीन और सागर स्थित एक मंदिर की करोड़ों की जमीन पर कब्जा करने का आरोप है।
प्राथमिकी दर्ज करने के बाद, लोकायुक्त ने मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव राजस्व को इस संबंध में रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। मंत्री के भाई पर आरोप है कि उन्होंने जिला पंचायत सागर के अध्यक्ष रहते हुए भ्रष्टाचार किया है। सागर के कांग्रेसी नेता राजकुमार सिंह ठाकुर ने शिकायत की है कि राजपूत की भाभी (हीरा सिंह राजपूत की पत्नी) के नाम सागर में होटल रॉयल पैलेस का निर्माण कराया गया है। होटल परिसर का निर्माण शासकीय एवं मंदिर ट्रस्ट श्री हनुमान जी, वृंदावन बाग मंदिर की भूमियों पर कब्जा कर अवैध निर्माण कराया है। सूत्रों के अनुसार शिकायत में तथाकथित अतिक्रमण भूमि का खसरा नंबर सहित सैटेलाइट मैप भी संलग्न किया गया है। शिकायर्ता राजकुमार सिंह ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने इस प्रकरण की शिकायत कलेक्टर सागर, लोकायुक्त सागर एसपी, महानिदेशक आर्थिक अपराध आदि को भी की थी। लेकिन मंत्री के प्रभाव के कारण जिले स्तर पर इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
दस्तावेजों के अनुसार सरकारी जमीन पर रेस्टोरेंट, गार्डन, स्विमिंग पूल और किचन शेड के निर्माण के अलावा होटल की पार्किंग भी बनाई गई है। इसी प्रकार मंदिर की जमीन पर भी मुख्य गेट का निर्माण एवं होटल की र्पाकिंग की व्यवस्था की गई है।
इस पर संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त संगठन ने मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव राजस्व से तथ्यात्मक जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। हालांकि पीपुल्स समाचार से बातचीत में हीरा सिंह राजपूत ने कहा कि उन्होंने कोई अतिक्रमण नहीं किया है। जब उनका ध्यान लोकायुक्त शिकायत की तरफ आकृष्ट किया गया, तो उन्होंने कहा कि किसी ने दुर्भावनावश शिकायत की होगी।
आयकर विभाग द्वारा गोविंद सिंह राजपूत को ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा गिफ्ट में मिली जमीनों पर नोटिस मिल चुका है। इसके अलावा 2023 में चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में गलत जानकारी या जानकारी छिपाए जाने का प्रकरण अभी कोर्ट में विचाराधीन है। इसमें भी सागर और आसपास के क्षेत्रों की कई बेशकीमती जमीनें उनके और परिजनों के नाम पर होना बताया जाता है।