Garima Vishwakarma
3 Dec 2025
Garima Vishwakarma
3 Dec 2025
Garima Vishwakarma
3 Dec 2025
संचार साथी ऐप को लेकर मचे राजनीतिक विवाद के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब सरकार ने इस ऐप को सभी स्मार्टफोन्स में अनिवार्य रूप से इंस्टॉल करने का आदेश वापस ले लिया है। पहले सरकार ने नए स्मार्टफोन्स में इसे प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य किया था, ताकि साइबर सुरक्षा मजबूत हो सके।
सरकार ने बताया कि ऐप की लोकप्रियता बढ़ रही थी, इसलिए इसे अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया था ताकि कम जागरूक लोग भी साइबर फ्रॉड से सुरक्षित रह सकें। पिछले 1 दिन में ही 6 लाख लोगों ने इस ऐप के लिए रजिस्ट्रेशन किया, जो पहले की तुलना में 10 गुना ज्यादा है। अब तक 1.4 करोड़ यूजर्स इस ऐप को डाउनलोड कर चुके हैं और रोजाना लगभग 2000 फ्रॉड घटनाओं की जानकारी मिल रही है।
राज्यसभा में कांग्रेस ने संचार साथी ऐप को लेकर चिंता जताई और कहा कि यह हर व्यक्ति के निजता के अधिकार का हनन है। कांग्रेस नेता रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि ऐप की कई विशेषताओं से यूजर्स की वास्तविक समय की लोकेशन, सर्च हिस्ट्री, वित्तीय लेनदेन और मैसेजिंग की निगरानी की संभावना हो सकती है।
संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि संचार साथी ऐप के माध्यम से न तो जासूसी संभव है और न होगी। उन्होंने बताया कि ऐप को प्रीलोड करने का उद्देश्य साइबर सुरक्षा बढ़ाना था।
सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार जनता को अधिकार देना चाहती है ताकि वे खुद को सुरक्षित रख सकें। उन्होंने बताया कि ऐप प्रयोग जनता की प्रतिक्रिया के आधार पर किया गया था और भविष्य में जनता के सुझावों के आधार पर इसमें बदलाव किया जा सकता है।