Naresh Bhagoria
13 Nov 2025
उत्तर-पूर्वी चीन से एक दिल छू लेने वाली कहानी सामने आई है। एक पिता ने अपनी बेटी को घर के खाने का स्वाद फिर से महसूस कराने के लिए अपनी ज़िंदगी ही बदल डाली उन्होंने लगभग 900 किलोमीटर की यात्रा तय की ताकि बेटी अपने “घर के स्वाद” वाले खाने का आनंद ले सके।
अपनी बेटी की चिंता से प्रभावित होकर, पिता ने तियानजिन के एक बारबेक्यू रेस्टोरेंट की नौकरी छोड़ दी। इसके बाद वे दक्षिणी चीन गए, जहाँ उन्होंने खाना बनाने की कला सीखी, खासकर फ्राइड राइस और नूडल्स बनाना। फिर उन्होंने अपनी बेटी के विश्वविद्यालय के गेट के बाहर एक छोटा सा खाने का ठेला किराए पर लिया।
यह ठेला अक्टूबर के मध्य में शुरू हुआ। पहले दिन पिता ने सिर्फ सात प्लेटें बेचीं और बहुत कम मुनाफा हुआ। उस दिन बेटी ने ट्यूशन से 70 युआन कमाए, जो पिता की कमाई से ज्यादा थे। बेटी अपने पिता की मेहनत देखकर भावुक हो गई और उसने उनके बारे में विश्वविद्यालय के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया। उसने लिखा कि उसके पिता साफ-सुथरा खाना बनाते हैं और अपने काम में सुधार के सुझाव चाहते हैं। यह पोस्ट वायरल हो गई, और अगले दिन से ठेले पर लंबी कतारें लग गईं। छात्र, अध्यापक और स्थानीय लोग सभी उनका खाना लेने आने लगे। कई लोगों ने तो सिर्फ समर्थन के लिए ज़रूरत से ज़्यादा खाना खरीदा।
जैसे-जैसे ठेले पर भीड़ बढ़ी, बेटी भी अपने पिता की मदद करने लगी। उसने बताया कि पिछले महीने पिता ठंड में ठेले पर काम करते हुए कांप रहे थे, लेकिन अब ग्राहकों की भीड़ देखकर “उनका दिल गर्म हो गया है।” पिता बड़े मुनाफे के लिए नहीं, बस सादा जीवन जीते हुए बेटी के पास रहने के लिए काम कर रहे हैं।
बेटी ली ने बताया कि कुछ साल पहले उसकी माँ की ल्यूकेमिया से मृत्यु हो गई थी, तब से वह और उसके पिता एक-दूसरे का सहारा हैं। जब ली विश्वविद्यालय चुनने में हिचकिचा रही थी, तो उसके पिता ने कहा था कि “मैं जहाँ तुम जाओगी, वहीं आऊँगा।” अब उन्होंने अपना वादा निभाया है। ली ने कहा, लोग कहते हैं पिता का प्यार बहुत बड़ा और मजबूत होता है, लेकिन मेरे लिए पिता का प्यार सूरज की गर्माहट जैसा है।