नई दिल्ली। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग (ECI) ने मतदाताओं की सुविधा और चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और आसान बनाने के लिए बड़े बदलाव किए हैं। इसमें EVM बैलेट पेपर पर उम्मीदवारों की रंगीन फोटो, बड़े फॉन्ट साइज और इंटरनेशनल फॉर्मेट में नंबरिंग शामिल हैं। आयोग ने यह बदलाव निर्वाचन नियम, 1961 के नियम 49B के तहत लागू किए हैं।
बैलेट पेपर में अब रंगीन फोटो और बड़ा फॉन्ट
- उम्मीदवारों की फोटो अब रंगीन होगी और उनके चेहरे का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा फोटो में दिखाई देगा।
- उम्मीदवारों और NOTA का क्रमांक अब इंटरनेशनल फॉर्मेट (1, 2, 3...) में होगा।
- फॉन्ट साइज 30 और बोल्ड रहेगा, जिससे मतदाता आसानी से पढ़ सकें।
- विधानसभा चुनावों में विशेष RGB वाले गुलाबी रंग के पेपर का इस्तेमाल होगा।
चुनाव आयोग की 6 महीने में 28 पहल
चुनाव आयोग ने पिछले 6 महीनों में मतदाताओं की सुविधा और चुनाव की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कुल 28 नई पहल की हैं।
बैठकें और प्रशिक्षण:
- देशभर में 28,000 से अधिक पार्टी प्रतिनिधियों के साथ 4,719 सर्वदलीय बैठकें हुईं।
- 7,000 से अधिक बीएलओ और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।
- मीडिया कोऑर्डिनेटर्स और पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण।
सुधार और डिजिटल पहल:
- ECINET डिजिटल पोर्टल लॉन्च, जिसमें 40 से ज्यादा ऐप्स और वेबसाइट्स एक जगह।
- मतदान केंद्र पर 100% लाइव वेबकास्टिंग।
- दोहराए गए EPIC नंबर हटाए गए और तेजी से वितरण की सुविधा।
EVM के बारे में जानें
- EVM में दो यूनिट होती हैं: कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट।
- कंट्रोल यूनिट पोलिंग अफसर के पास रहती है और बैलेट यूनिट पोलिंग कक्ष में।
- वोट देने के लिए मतदाता को अपने पसंदीदा उम्मीदवार के सामने लगे नीले बटन को दबाना होता है।
- EVM 6 वोल्ट बैटरी पर भी काम कर सकती है, जिससे बिजली न होने पर भी मतदान संभव है।
इतिहास:
- 1977 में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक मतदान पर विचार किया गया।
- 1982 में केरल के पैरावूर विधानसभा क्षेत्र में ट्रायल किया गया।
- 2004 से पूरे भारत में चुनावों में EVM का प्रयोग किया जा रहा है।
बिहार में नए बदलाव का पहला प्रयोग
चुनाव आयोग ने कहा कि नए बदलावों का पहला प्रयोग बिहार विधानसभा चुनाव में होगा। इसमें उम्मीदवारों की रंगीन फोटो, बड़े फॉन्ट और स्पष्ट क्रमांक शामिल होंगे। इससे मतदाता आसानी से पहचान कर मतदान कर सकेंगे।
उद्देश्य:
- चुनाव प्रक्रिया को और अधिक लोकतांत्रिक, निष्पक्ष और सरल बनाना।
- मतदाता सुविधा बढ़ाना और लोकतंत्र की विश्वसनीयता में सुधार करना।