Shivani Gupta
26 Oct 2025
स्पोर्ट्स डेस्क। भारत की 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए FIDE महिला वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया है। इस टूर्नामेंट के फाइनल में उन्होंने भारत की ही अनुभवी ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी को कड़े मुकाबले में हराया। यह जीत टाईब्रेक राउंड में आई, जहां दिव्या ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की। इसके साथ ही दिव्या देश की 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बन गई हैं।
फाइनल के दोनों क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ पर समाप्त हुए, जिसके बाद मुकाबला टाईब्रेक रैपिड गेम्स में पहुंचा। रैपिड गेम्स के पहले दौर में ही दिव्या ने हम्पी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और निर्णायक बढ़त हासिल की। इस राउंड में प्रत्येक खिलाड़ी को 10-10 मिनट दिए गए थे। जब स्कोर बराबरी पर पहुंचा तो फास्ट गेम और फिर ब्लिट्ज गेम्स तक मामला गया, जहां दिव्या ने निर्णायक चालें चलीं और खिताब अपने नाम कर लिया।
सेमीफाइनल में दिव्या का सामना चीन की पूर्व वर्ल्ड चैंपियन तान झोंग्यी से हुआ। यह मुकाबला दिव्या के करियर का एक अहम मोड़ साबित हुआ। पहले गेम में उन्होंने सफेद मोहरों से खेलते हुए 101 चालों में जीत हासिल की। मध्य खेल में उनके हमलों ने झोंग्यी को लगातार गलतियां करने पर मजबूर कर दिया। एक समय जब झोंग्यी ने वापसी की कोशिश की, तब भी दिव्या ने संयम नहीं खोया और समय की कमी में आई एक चूक का फायदा उठाते हुए दो प्यादों की बढ़त के साथ जीत दर्ज की। दूसरे गेम में दिव्या ने काले मोहरों से ‘क्वीन्स गैम्बिट डिक्लाइन्ड’ ओपनिंग के तहत संतुलित रणनीति अपनाई और मुकाबला ड्रॉ कराया।