Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
Priyanshi Soni
4 Nov 2025
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर घने धुंध और जहरीली हवा की चपेट में है। सोमवार सुबह शहर घने कोहरे की परत में लिपटा नजर आया, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसी परेशानी हुई। हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई, जबकि शाम तक एक्यूआई 309 तक पहुंच गया। हालांकि, रविवार की तुलना में मामूली सुधार देखा गया, लेकिन हालात अब भी चिंताजनक हैं। ठंडी हवाओं के चलते तापमान में गिरावट आई है, मगर प्रदूषण का असर कम होने के बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है।
दिवाली के करीब दो हफ्ते बाद भी दिल्ली की हवा अब तक जहरीली बनी हुई है। मंगलवार सुबह 9:30 बजे शहर का औसत AQI 229 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सोमवार शाम 4 बजे औसत AQI 309 था। कुछ इलाकों जैसे बुराड़ी (400), वजीरपुर (390) और विवेक विहार (402) में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई।
एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम (AQEWS) के मुताबिक, सोमवार शाम को उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली हवा की रफ्तार घटकर 8 किमी/घंटा से कम रह गई। धीमी हवा और कम वेंटिलेशन इंडेक्स (6,000 m²/s से नीचे) के कारण प्रदूषक तत्व वायुमंडल में फंस गए। इस वजह से मंगलवार को भी हवा की गुणवत्ता के ‘गंभीर’ स्तर पर बने रहने की संभावना जताई गई है।
0-50: अच्छा
51-100: संतोषजनक
101-200: मध्यम
201-300: खराब
301-400: बहुत खराब
401-500: गंभीर
दिल्ली की हवा में PM2.5 का स्तर 155 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और PM10 का स्तर 278 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया है। ये बेहद छोटे कण हैं जो फेफड़ों में गहराई तक पहुंचकर सांस, दिल और आंखों से जुड़ी समस्याएं पैदा करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए बेहद खतरनाक है।
कूड़े के पहाड़: गाजीपुर, ओखला और भलस्वा की लैंडफिल साइटों से उड़ती धूल लगातार हवा में मिलती है।
निर्माण कार्य की धूल: अधिकृत और अनाधिकृत निर्माण स्थलों पर धूल प्रबंधन की कमी बड़ी समस्या है।
वाहनों का धुआं: दिल्ली की सड़कों पर रोजाना एक करोड़ से अधिक वाहन चलते हैं, जिनसे निकलने वाला धुआं और टायरों से झड़ने वाले कण हवा को जहरीला बना रहे हैं।
फुटपाथ और कच्ची सड़कें: मशीन से सफाई सिर्फ कुछ मुख्य सड़कों तक सीमित है, बाकी जगहों पर धूल उड़ती रहती है।
खुले में कचरा जलाना: कई जगह लोग अब भी खुले में कचरा जला रहे हैं, जिससे प्रदूषण तेजी से बढ़ता है।
औद्योगिक उत्सर्जन: दिल्ली और आसपास के इलाकों के कारखानों से निकलने वाला धुआं भी बड़ी वजह है।
दिल्ली में सोमवार को अधिकतम तापमान 31.5°C और न्यूनतम तापमान 17.9°C दर्ज हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को तापमान में थोड़ी गिरावट होगी, लेकिन प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की संभावना है। शहर के कई इलाकों में सुबह के समय दृश्यता कम रही और लोगों को आंखों में जलन व सांस लेने में तकलीफ की शिकायतें आईं।
IMD और CPCB ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले 24 घंटे प्रदूषण के लिहाज से बेहद अहम होंगे। लोगों को सलाह दी गई है कि सुबह और रात के समय अनावश्यक बाहर निकलने से बचें, मास्क पहनें, और एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें।