Aniruddh Singh
17 Oct 2025
Aniruddh Singh
16 Oct 2025
मुंबई। प्रसिद्ध पेय कंपनी कोका-कोला ने भारत में अपने बॉटलिंग कारोबार को शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने की योजना बनाई है। कंपनी अपनी भारतीय इकाई हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड (एचसीसीबी) का 1 अरब डॉलर (लगभग ₹8,300 करोड़) का आईपीओ लाने पर विचार कर रही है। इस प्रस्तावित सार्वजनिक निर्गम से कंपनी का मूल्यांकन करीब 10 अरब डॉलर (₹83,000 करोड़) तक हो सकता है। यह आईपीओ अगले साल, यानी 2026 में आने की संभावना है। इस समय भारत का आईपीओ बाजार तेजी के दौर में है। इस साल हुंडई मोटर इंडिया का 3.3 अरब डॉलर का आईपीओ, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का 1.3 अरब डॉलर का आईपीओ को बाजार में अच्छा रिस्पांस मिला है।
सूत्रों के अनुसार कोका-कोला ने हाल ही में आईपीओ को लेकर कई बैंकरों से बातचीत की है। हालांकि कंपनी ने अब तक किसी को आधिकारिक रूप से नियुक्त नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी इस समय आईपीओ की संरचना, समय और आकार पर विचार कर रही है। यह तैयारी अभी प्रारंभिक चरण में है। भारत कोका-कोला के लिए एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बाजार है। कंपनी की भारतीय इकाई देशभर में लगभग 5,200 से अधिक कर्मचारियों के माध्यम से 2 मिलियन खुदरा विक्रेताओं को सेवा देती है। इसका मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है और इसके पास 12 राज्यों और 236 जिलों में फैले 14 विनिर्माण संयंत्र हैं। यह नेटवर्क दक्षिण और पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में कंपनी के उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
हालांकि, भारत में कोका-कोला को अब बढ़ती स्थानीय प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से, मुकेश अंबानी की कैम्पा कोला तेजी से लोकप्रिय हो रही है और 200 मिलीलीटर की बोतलें केवल ₹10 में बेच रही है। इससे कोका-कोला के पारंपरिक बाजार पर दबाव बढ़ा है। स्थानीय स्वाद, मूल्य प्रतिस्पर्धा और देशज ब्रांडों की पहचान ने कोका-कोला के लिए चुनौती पैदा की है। विश्लेषकों के अनुसार, आईपीओ लाकर कोका-कोला भारत में अपने संचालन को पारदर्शी और निवेशक-अनुकूल बनाना चाहती है। इससे कंपनी को न केवल पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी, बल्कि भारतीय निवेशकों और संस्थागत निवेशकों को भी वैश्विक ब्रांड में भागीदारी का मौका मिलेगा। यह कदम कोका-कोला को भारत में दीर्घकालिक विकास और बाजार विस्तार के लिए अतिरिक्त संसाधन प्रदान करेगा।
दिलचस्प रूप से, कोका-कोला ने हाल ही में अपनी भारतीय होल्डिंग कंपनी हिंदुस्तान कोका-कोला होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड में जुबिलेंट भरतिया ग्रुप को अल्पांश हिस्सेदारी बेची थी, जिससे यह संकेत मिला था कि कंपनी स्थानीय साझेदारी और पूंजी विविधीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है। कुल मिलाकर, कोका-कोला का यह प्रस्तावित आईपीओ न केवल भारत के बढ़ते शेयर बाजार में एक ऐतिहासिक सौदा बन सकता है, बल्कि यह यह भी दिखाता है कि वैश्विक कंपनियां अब भारत को अपने विकास का प्रमुख केंद्र मान रही हैं। तेजी से बढ़ती खपत, युवाओं की जनसंख्या और मजबूत आर्थिक गति भारत को कोका-कोला जैसे ब्रांडों के लिए अगला बड़ा निवेश गंतव्य बना रही है।