Naresh Bhagoria
21 Dec 2025
नई दिल्ली। कोबरा पोस्ट के संस्थापक संपादक अनिरुद्ध बहल ने रिलायंस ग्रुप के मालिक अनिल अंबानी पर अपने कंपनियों के जरिए 41 हजार करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि इन्होंने 28,874 करोड़ की राशि धोखाधड़ी के तरीके से डायवर्ट की और भारत में संदिग्ध लेन-देन के माध्यम से 1.5 बिलियन अमेरिकी डालर से अधिक की राशि प्राप्त की है।
गुरुवार को प्रेस क्लब में 'द लेजर ऑफ लाइजः ए फ्रॉड वर्ष अराउंड रु. 41,000 करोड़ एक्सपोज्ड' शीर्षक से यह कांफ्रेस आयोजित था जो कोबरा पोस्ट की नई जांच श्रृंखला 'लूटवाल्लाहस' का हिस्सा है। अनिरूद्ध बहल का कहना है कि अनिल अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाला रिलायंस धीरूभाई अंबानी (एडीए) ग्रुप इस धोखाधड़ी में 2006 से ही शामिल है।
बहल ने आरोप लगाया कि इसमें एडीए ग्रुप की 6 प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों के जरिए धन की हेराफेरी की गई है। यह कंपनियां रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लि., रिलायंस कैपिटल ति रिलायंस कम्युनिकेशन लि रिलायंस होम फाइनेंस लि. रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लि. और रिलायंस कार्पोरेट एडवाइजरी सर्विसेज लिमिटेड है जिनका बैंक ऋण, आईपीओ और बांड से प्राप्त धन खोत होता था। बहल का कहना है कि उनकी जांच कई आधिकारिक और सार्वजनिक तृतीय-पक्ष सीतों के गहन विश्लेषण पर आधारित है, जिसमें धोखाचडी से धन के हस्तांतरण के अलावा, विदेशों से जुटाई गई लगभग 1,53 अरब अमेरिकी डॉलर की राशि को भी संदिग्ध तरीकों से भारत भेजा गया। इसमें 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि भी शामिल है, जो इमर्जिंग मार्केट इन्वेस्टमेंट्स एड ट्रेडिंग प्रालि (ईएमआईटीएस) द्वारा रिलायंस इनोंवेंचर के साथ समझौते के दौरान प्राप्त हुई थी। साथ ही, जिन सहायक कंपनियों के माध्यम से एडीए समूह की होल्डिंग कंपनी, रिलायंस इनोवेंचर को धन हस्तांतरित किया गया था, उसे भी भंग कर दिया गया।
इस तरह पूरा विदेशी मुद्रा प्रेषणा और चन हस्तांतरण में शामिल संस्थाएं अब गायब हो गई। उन्होंने कहा कि कोबरापोस्ट की जांच से पता चलता है कि एडीएजी कंपनियों ने अपनी कार्यप्रणाली में दर्जनों पास-दू संस्थाओं जिन्हें विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) कहा जाता है, सहायक कंपनियों, शेल कंपनियों या ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह (बीवीआई), साइप्रस, मॉरीशस, अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर में स्थित अपतटीय संस्थाओं का उपयोग किया, ताकि ग्रुप की होल्डिंग कंपनी रिलायंस इनोंवेंचर को धन भेजा जा सके। इस तरह एडीए समूह की कंपनियों ने 28.874 करोड़ रुपए की हेराफेरी की, जबकि 1.53 अरब अमेरिकी डॉलर संदिग्ध लेन-देन में भारत में स्थानांतरित कर दिए गए जो भारतीय मुद्रा में 13,047 करोड़ रुपए है। गबन की गई राशि को मिलाकर कुल राशि 41,921 करोड़ रुपए है।