Naresh Bhagoria
3 Dec 2025
Garima Vishwakarma
3 Dec 2025
Hemant Nagle
3 Dec 2025
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने मंत्रालय में बुधवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी (Ladli Laxmi) बेटियों के ड्राप आउट पर विभागीय अधिकारियों से ली जानकारी ली और ड्रॉप आउट पर सख़्त निगरानी रखने और रोकने के निर्देश दिए। सूत्रों के अनुसार सीएम ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मियों के स्कूल छोड़ने के मामले बढ़े तो अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर जानकारी दी गई कि लाड़ली लक्ष्मी योजना का विस्तार किया जाएगा और 34 लाख बालिकाओं को छात्रवृत्ति/प्रोत्साहन दिया जाएगा।
समीक्षा बैठक में तीन साल के प्लान को बताते हुए जानकारी दी गई कि अगले साल (वर्ष 2026) में मध्यप्रदेश में सेंट्रल किचन से शहरी आंगनवाड़ियों में गर्म भोजन देना शुरा किया जाएगा। इसके साथ ही 2047 विज़न के अनुरूप शाला पूर्व शिक्षा पर बड़ा निवेश—निपुण भारत आधारित विकास कार्ड से गुणवत्ता सुधार होगा। अगले तीन वर्षों में मप्र में 9,000 नए आंगनबाड़ी भवन बनाए जाएंगे। इसके लिए मेगा प्लान तैयार किया गया है। 2047 विज़न के अनुरूप शाला पूर्व शिक्षा पर बड़ा निवेश—निपुण भारत आधारित विकास कार्ड से गुणवत्ता सुधार किया जाएगा।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री का बताया गया कि टेक होम राशन में मध्यप्रदेश प्रथम रहा है। हितग्राहियों को लाभ पहुंचाने में राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। इसके साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की पूर्णत: ऑनलाइन पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लागू करने में देश का पहला राज्य बना मध्यप्रदेश स्पॉन्सरशिप योजना में 20,243 बच्चों को लाभ देकर मप्र देश में दूसरा राज्य बना है। झाबुआ के ‘मोटी आई’ नवाचार को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार मिला है। भवनों की डिज़ाइन व मॉनिटरिंग मॉड्यूल की भारत सरकार द्वारा विशेष सराहना मिली है। उल्लेखनीय है कि मप्र में भवन निर्माण की रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए अत्याधुनिक मॉड्यूल विकसित किया गया है। डिजिटल पारदर्शिता की मिसाल: 20 मीटर जियो-फेंसिंग आधारित उपस्थिति व्यवस्था की गई है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना में 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को 512 करोड़ से अधिक की सहायता मिली है। लाड़ली बहना योजना के तहत जनवरी 2024–नवंबर 2025 में 36,778 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। 1.72 लाख महिलाओं को महिला हेल्पलाइन से सहायता—57 वन स्टॉप सेंटरों द्वारा 52,095 महिलाओं को सुरक्षा दी गई। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के साथ 1.89 लाख पौधारोपण, 6,520 ड्राइविंग लाइसेंस, 8,637 बालिकाओं को प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण दिया गया है। आंगनवाड़ी केंद्रों का बड़े पैमाने पर उन्नयन—12,670 केंद्र ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ घोषित किया गया है।