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रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला केस में फंसे आबकारी विभाग के 28 अधिकारी मंगलवार को रायपुर की EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण) कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सभी अधिकारी अग्रिम जमानत के कागजात लेकर कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने 1-1 लाख रुपए का जमानत पट्टा जमा करने की शर्त पर सभी को जमानत दे दी।
EOW के मुताबिक, ये सभी अधिकारी कथित रूप से शराब घोटाले के सिंडिकेट का हिस्सा थे। इन पर आरोप है कि इन्होंने 2019 से 2023 के बीच 88 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध कमाई की। अगस्त के अंतिम सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद सभी 28 अफसरों को शर्तों के साथ अग्रिम जमानत दी थी।
इससे पहले 18 अगस्त को हाईकोर्ट ने इनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जहां से राहत मिली। इसी आदेश के तहत मंगलवार को सभी आरोपी अधिकारी EOW कोर्ट में पेश हुए और जमानत की औपचारिकताएं पूरी कीं।
EOW की जांच में सामने आया कि आबकारी विभाग के ये 28 अधिकारी शराब घोटाले के पूरे नेटवर्क में सक्रिय थे। राज्य सरकार ने घोटाले के खुलासे के बाद सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इनमें से 7 अधिकारी रिटायर हो चुके हैं, जबकि 21 अभी सेवा में हैं।
जांच एजेंसी का दावा है कि इन अधिकारियों ने शराब बिक्री और आपूर्ति की आड़ में करोड़ों रुपए की अवैध वसूली की। EOW ने इन सभी के खिलाफ चालान पेश कर दिया है।
आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में यह घोटाला लगभग 3200 करोड़ रुपए का है। आरोप है कि 2019 से 2023 के बीच आबकारी विभाग के अधिकारियों ने मिलकर शराब की बिक्री में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और भ्रष्टाचार किया।
EOW के अनुसार, घोटाले से जुड़े सिंडिकेट ने अलग-अलग स्तर पर पैसा इकट्ठा कर उसे फर्जी कंपनियों और रिश्तेदारों के नाम पर निवेश किया।
इसी बीच, EOW ने कोयला घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ की पूर्व आईएएस अफसर सौम्या चौरसिया की लगभग 8 करोड़ रुपए मूल्य की 16 अचल संपत्तियां जब्त की हैं।
जांच में सामने आया कि सौम्या ने अपने रिश्तेदारों- सौरभ मोदी, अनुराग चौरसिया और अन्य के नाम पर करीब 47 करोड़ की 45 अचल संपत्तियां खरीदी थीं। इससे पहले ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने उनकी 39 करोड़ रुपए की 29 संपत्तियां जब्त की थीं।
EOW अधिकारियों का कहना है कि शराब घोटाले और कोयला घोटाले से जुड़े सभी मामलों में जांच तेज की जा रही है। फिलहाल सभी आरोपी अधिकारी जमानत पर हैं, लेकिन EOW ने साफ किया कि सबूतों के आधार पर आगे और जप्ती और गिरफ्तारी की कार्रवाई संभव है।