Naresh Bhagoria
18 Nov 2025
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दीप प्रज्ज्वलित कर जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम की शुरुआत की। बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर आयोजित इस भव्य समारोह में उन्होंने जनजातीय संस्कृति, परंपराओं और सम्मान को बढ़ावा देने वाली कई महत्वपूर्ण योजनाओं का उद्घाटन किया। यह 8 महीनों में उनका दूसरा छत्तीसगढ़ दौरा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पारंपरिक उपचार व्यवस्था से जुड़े वैद्यों के लिए बनाई गई विशेष योजना का उद्घाटन किया। इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न जनजातीय देवस्थलों से जुड़े संरक्षण और विकास कार्यों को भी हरी झंडी दिखाई। इस दौरान उन्होंने 70 साल पहले डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा गोद लिए गए ‘बसंत पंडो’ से मिलने का कार्यक्रम भी तय किया। बसंत की उम्र अब 80 साल हो चुकी है।
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अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओरांव, राज्यमंत्री दुर्गा दास उइके और तोखन साहू भी मौजूद रहे। इससे पहले राष्ट्रपति रायपुर में विधानसभा के रजत जयंती समारोह में शामिल हुईं।
दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस के पहले दिन प्रदेश स्तरीय जनजातीय लोक नृत्य महोत्सव का आयोजन हुआ। विभिन्न क्षेत्रों से आए लोक नर्तक दलों ने मनमोहक पारंपरिक नृत्य प्रस्तुतियां दीं। नृत्य महोत्सव के विजेताओं को आगामी कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू के हाथों सम्मानित किया जाएगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सरगुजा पहुंचने वाली देश की दूसरी राष्ट्रपति बन गई हैं। इससे पहले 1952 में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद यहां आए थे। उनके सरगुजा दौरे से जुड़े ऐतिहासिक प्रसंग को याद करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू आज उसी ‘बसंत पंडो’ से मुलाकात करेंगी, जिसे डॉ. प्रसाद ने बचपन में गोद में उठाकर ‘बसंत’ नाम दिया था।